नई दिल्ली। कोरोना पीड़ितों के मामले हर दिन बढ़ते जा रहे हैं। इससे बचने के लिए किए गए उपायों में एन 95 मास्क काफी हद तक कारगर है। लेकिन अब इसकी भी बाजारों और अस्पतालों में कमी हो गई है। डॉक्टर बार-बार एक ही मास्क को पहनकर काम करने को मजबूर हैं। इस परेशानी से बचने के लिए ड्यूक हेल्थ ताइवान के 68 वर्षीय साइंटिस्ट पीटर साई N95 मास्क को साफ कर उसे दोबारा इस्तेमाल रने लायक बना रहे हैं।
वैसे पीटर साई इस साल जनवरी में रिटायर हो गए थे, लेकिन N95 मास्क को लेकर उन्होंने अपना काम जारी रखा था। उन्हें रोजाना दुनियाभर से ई-मेल मिलते थे, जिसमें अमूमन सवाल होता था कि क्या N95 मास्क को दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है? क्योंकि, रिसर्चर्स का मानना है कि कई बार इस्तेमाल किए हुए मास्क को पहनकर इलाज करना डॉक्टरों और मरीजों दोनों के लिए खतरनाक है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पीटर साई बताते हैं, ‘ये अजीब बात है ना? N95 मास्क को बनाने के लिए मैंने 1992 में जिस चार्जिंग तकनीक का इस्तेमाल किया था, उसे ‘कोरोना चार्जिंग’ कहा जाता था।’ वह आगे बताते हैं, ‘अब मैंने इसे कोरोना वायरस से जोड़ना बंद कर दिया है।’ 1992 में उन्होंने जिस तकनीक का इस्तेमाल किया था, वह मास्क पर माइक्रोफ़ाइब्रोस पर इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्जिंग थी, जिसने फ़िल्टर दक्षता को दस गुना बेहतर कर दिया था. इससे सब-माइक्रोन-आकार के रोगाणुओं को रोकने में मदद मिली।
साई आगे बताते हैं, ‘N-95 मास्क को लेकर मुझे इतने मेल और कॉल्स आएं कि मैं रात को सो नहीं पाता था। मैंने इस पर दोबारा से काम शुरू किया है। दो महीने से लगातार काम कर रहा हूं। लगता है अब जाकर कुछ सो सकता हूं।’
N-95 मास्क को ऐसे कर सकते हैं दोबारा इस्तेमाल
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पीटर साई ने एन-95 मास्क के दोबारा इस्तेमाल करने का तरीका भी बताया है। वह बताते हैं, ‘हीट ट्रीटमेंट सबसे अच्छा उपाय है जो मैं अब तक ले आया हूं। मास्क को 60 मिनट के लिए 70 डिग्री पर गर्म करें। इससे मास्क में मौजूद वायरस डेड हो जाएंगे और मास्क को फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है। वैसे स्टीमिंग आदि जैसे अन्य उपाय हैं, लेकिन इनमें हीटिंग सबसे अधिक कारगर है।’
सेंटर्स फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार N90 रेस्पिरेटर जिसकी कोरोना वायरस से बचने के लिए सबसे अधिक मांग है, वो 90 प्रतिशत तक बचाव करता है। N95 95 प्रतिशत तक बचाव करता है और N100 99.97 प्रतिशत तक बचाव करता है।
N90 जैसे रेस्पिरेटर्स और मास्क बनाने वाली कंपनियों का दावा होता है कि उनका मास्क पहनने से बीमार होने से बचा जा सकता है। लेकिन कोई भी कंपनी 100% बचाव का ख़तरा नहीं टालती हैं।
मास्क को साफ करने का सही तरीका
हाइड्रोजन पेरोक्साइड से मास्क पर जमा हुए सूक्ष्म जीव खत्म हो जाते हैं। पीटर साई ने बताया कि वो इस तकनीक का इस्तेमाल कर हजारों मास्क को अब तक साफ कर चुके हैं। उन्होंने आगे बताया कि एक बार इस प्रक्रिया को पूरा कर लगभग 500 मास्क को साफ किया जा सकता है। इसमें लगभग चार घंटे का समय लगता है। पहले के शोध से पता चलता है कि मास्क को 30 से 50 बार इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इस बात का अब तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला कि मास्क को कितनी बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
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