नहीं मिलेगा फर्जी राशन कार्ड पर गेहूं चावल, इस तरीके से हो जाएंगे लिस्ट से बाहर!

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पार्ट-2 के तहत सरकार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनको भी 5 किलो मुफ्त गेंहू या चावल और एक किलो चना नवंबर महीने तक दे रही है। सरकार ने देश की मौजूदा स्‍थितियों और आगामी महीनों में देश में होने वाले त्‍योहारों को देखते हुए इस योजना को नवंबर 2020 तक बढ़ा दिया है। इसके तहत देश के 80 करोड़ से अधिक को उनकी मासिक पात्रता के अलावा प्रति व्‍यक्ति 5 किलो गेहूं अथवा चावल तथा प्रत्‍येक परिवार को 1 किलो चना उपलब्‍ध कराया जाएगा। लेकिन इसी बीच कुछ फर्जी राशन कार्ड से संबंधित मामले भी सामने आए हैं। जिन पर कई महीनों से किसी ने अनाज नहीं लिया है। अगर राशन कार्ड नकली है तो इस पर अनाज नहीं मिलेगा।

इस तरह से कट जाएगा लिस्ट से नाम- मिली जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के कटनी में नकली राशन कार्ड के आधार पर राशन नहीं मिलेगा। साथ ही अगर किसी के राशन कार्ड पर पिछले 3 महीने से राशन नहीं लिया गया है, तो उस राशन कार्ड का वेरिफिकेशन करने और दूसरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसका नाम राशऩ कार्ड से काट दिया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कटनी जिले में करीब 12 हजार परिवार हैं जो कि 3 महीने से राशन नहीं ले रहे हैं। ऐसे में इनको नकली माना जा रहा है। अगर यह सही है तो बहुत बड़ी गडबड़ी सामने आएगी. शायद इसी गड़बड़ी से बचने के लिए राशऩ कार्ड को आधार लिंक करने के लिए अनिवार्य किया गया है।

इस योजना में आएगा इतना खर्च – बता दें कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन लागू करने के बाद से ही ऐसे लाभार्थी जिनके पास राशन कार्ड नहीं थे, उन्हें भी फ्री राशन देने की घोषणा की थी। दिल्ली सहित कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस आदेश का पालन करते हुए मुफ्त में राशन बांटना शुरू किया। यह योजना पहले तीन महीने के लिए लागू की गई थी, लेकिन बाद में इसे नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया. पीएम ने कहा था कि इस योजना को नंवबर तक लागू करने में 90 हजार करोड़ का अतिरिक्त खर्च आएगा. जब से ये योजना शुरू हुई है तब से नवंबर तक इसमें डेढ़ लाख करोड़ तक का खर्च आएगा।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए भी दे रहे योजना का लाभ– जिन मजदूरों का राशन कार्ड नहीं बना हुआ है, उन्हें भी प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन और 1 किलो चना अब नवंबर महीने तक जरूर मिलेगा। केंद्र सरकार का मानना है कि इससे 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को फायदा पहुंच रहा है। इसके कई राज्य सरकारें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए योजना का लाभ लोगों तक पहुंचा रही हैं। दिल्ली सरकार ने इसके लिए अलग से एक ऑनलाइन सेवा शुरू की है, जिसमें अप्लाई करने के बाद उन्हें राशन मिल रहा है।

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