हरियाणा बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों की तैनाती के कारण तनाव जारी है। तीसरे दौर की वार्ता बेनतीजा रही। रविवार तक किसान शंभू बॉर्डर से आगे नहीं बढ़ेंगे। वहीं, आज किसानों ने भारत बंद का एलान किया है। आज चार घंटे पेट्रोल पंप बंद रहेंगे। बसें नहीं चलेंगी। बाजार बंद रहेंगे। टोल प्लाजा फ्री कराए जाएंगे।
केंद्र और किसान यूनियनों के बीच गुरुवार को चंडीगढ़ में हुई चौथे दौर की बैठक के बारे में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि यह (केंद्र और किसानों के बीच) आखिरी बैठक है। वे चाहते हैं कि हम कहें कि हमने बातचीत खत्म कर दी। सरकार कहेगी कि वे बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहते हैं लेकिन किसान भाग नहीं ले रहे हैं। हम केवल किसानों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उन्होंने कुछ दिनों का समय मांगा है। इस बीच, हमारा विरोध जारी रहेगा।
अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने किसानों के चल रहे विरोध पर कहा कि अगर इन मुद्दों को वार्ता से हल किया जाना था तो उन्होंने इसके लिए किसानों को पहले क्यों नहीं बुलाया। तीन साल क्यों बर्बाद किए।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी पानीपत पहुंचे। गुरनाम सिंह ने कहा कि वे किसान आंदोलन का समर्थन करते हैं। प्रदेश के किसान अपनी मांगों को लेकर आज तीन घंटे पूरे प्रदेश में टोल फ्री कर रहे हैं। शनिवार को तहसील सत्र पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि वह शंभू बॉर्डर पर नहीं जाएंगे।
पंजाब कांग्रेस ने भारत बंद के दौरान चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया। पीसीसी प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के नेतृत्व में नेताओं ने हरियाणा भाजपा के कार्यालय के सामने नारे लगाए। इसके बाद पुलिस उन्हें वहां से उठाकर ले गई। इस दौरान बीएसएफ की एक टुकड़ी भी मौके पर तैनात रही।
खन्ना में किसानों द्वारा सड़क जाम किए जाने पर सभी स्कूलों कॉलेजों ने छात्रों को घर जाने के लिए कहा। छात्रों ने अपने माता-पिता को फोन कर ले जाने के लिए कहा, जिससे अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया। स्कूल कॉलेज के प्रबंधको का कहना है कि अगर किसानों ने सड़क के साथ शहर के अंदरूनी चौक भी जाम कर दिए तो बच्चों का घर जाना मुश्किल हो जाएगा इसलिए बच्चों को घर जाने के लिए कहा गया है।
पानीपत में भाकियू ने सांकेतिक रूप से शुक्रवार दोपहर 12 बजे जीटी रोड, पानीपत-नगीना हाईवे पर जलालपुर और पानीपत-रोहतक हाईवे पर डाहर गांव में टोल फ्री करवा दिए। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन किसानों ने किसी की नहीं सुनी। दिल्ली व चंडीगढ़ के बीच बस सेवा प्रभावित रही। पानीपत और सोनीपत पुलिस हलदाना बॉर्डर पर संयुक्त नाका लगाने को तैयार है। भारत बंद को लेकर रोडवेज का चक्का जाम रहा। संयुक्त किसान सभा व अन्य संगठन निकालेंगे सचिवालय तक जुलूस निकाला। विभागों के कर्मचारी संगठन भी इसमें शामिल रहे। रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने पुराने बस अड्डे पर धरना प्रदर्शन किया। रोडवेज की 10 और किलोमीटर स्कीम की 25 बसें ही चल पाई। ऐसे में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बाजार में भी सुबह ही ग्राहक कम दिखे।
वहीं पंचकूला में तीन घंटे के लिए चंडीमंदिर व जलोली टोल प्लाजा वाहनों के लिए फ्री करवा दिए गए। भाकियू चढ़ूनी ने गुरुवार को प्रदेशभर के टोल प्लाजा फ्री कराए जाने का एलान किया था। पंजाब में संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से अमृतसर-पठानकोट और पठानकोट-जालंधर और जेएंडके नेशनल हाईवे पर चक्का जाम कर दिया है किसानों ने अपनों मांगो को लेकर टोल फ्री कर दिया है। किसानों का कहना है कि सरकार उनकी मांगो को पूरा नहीं कर रही है। किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
शंभू बार्डर पर तैनात पानीपत के जीआरपी सब इंस्पेक्टर की भी आंसू गैस के प्रभाव से मौत हो गई है। चुलकाना निवासी सब इंस्पेक्टर हीरालाल समालखा जीआरपी चौकी में तैनात थे। उनको किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए घग्गर नदी पोस्ट पर तैनात किया गया था।
देर रात शंभू बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया था। कुछ निहंग घग्गर के पुल पर बैरिकेड के पास जाकर पुलिसकर्मियों को ललकारने लगे। जब वे समझाने पर नहीं माने तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबड़ बुलेट का प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया। निहंग सिख की पीठ में रबड़ की गोली लगी है। वह अस्पताल में उपचाराधीन है।
बहादुरगढ़ में सुरक्षा का पहरा और कड़ा कर दिया गया है। सेक्टर 9 मोड़ पर कंक्रीट के बैरिकेड को संख्या बढ़ाई गई है। पहले बनाई गई 100 फुट लंबी और 5 फुट चौड़ी दीवार का दायरा बढ़ा दिया गया है। दोपहर को इन बड़े पत्थर के बीच कंक्रीट डाली जाएगी।
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन करने गए गुरदासपुर के चाचोकी गांव निवासी सरदार ज्ञान सिंह (63) की तबीयत खराब होने से मौत हो गई है। किसानों के अनुसार, दो दिन पहले आंसू गैस के गोले से उन्हें दिक्कत हो गई थी। तब तो वे ठीक हो गए थे लेकिन गुरुवार रात अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और उन्होंने दम तोड़ दिया। किसान ज्ञान सिंह की मौत पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि इस आंदोलन का कारण केंद्र सरकार है। हमें सही समय पर दवाएं प्राप्त करने में दिक्कत आ रही है।
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