
यूनिक समय, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित नवकार महामंत्र कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां महावीर जयंती के मौके पर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्म का उत्सव मनाया गया। श्रद्धा प्रकट करने के लिए पीएम मोदी बिना जूते पहने कार्यक्रम में पहुंचे और मंच पर नहीं बैठे, बल्कि सभी लोगों के साथ बैठकर नवकार महामंत्र का जाप किया।
इस मौके पर उन्होंने जैन धर्म के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि जैन धर्म ने भारत की पहचान स्थापित करने में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने जैन धर्म के सिद्धांतों को वैश्विक चुनौतियों जैसे आतंकवाद, युद्ध और पर्यावरण संरक्षण से निपटने के लिए महत्वपूर्ण बताया। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जैन संस्कृति का प्रभाव नए संसद भवन में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, जहां तीर्थंकरों की मूर्तियों और शिक्षाओं का सम्मान किया गया है।
प्रधानमंत्री ने जैन धर्म के ‘अनेकांतवाद’ सिद्धांत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सिद्धांत आज की दुनिया में बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके तहत विभिन्न दृष्टिकोणों की सराहना की जाती है। उन्होंने बताया कि जैन धर्म में जीवन की पारस्परिक निर्भरता पर जोर दिया गया है, जिससे हिंसा पर रोक और शांति, सद्भाव तथा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलता है।
प्रधानमंत्री ने जनता से जल संरक्षण, अपनी मां की याद में पेड़ लगाने, स्वच्छता को बढ़ावा देने, स्थानीय उत्पादों का समर्थन करने, देशभर में यात्रा करने, प्राकृतिक खेती अपनाने, मोटे अनाजों का सेवन बढ़ाने, खाद्य तेल के उपयोग में 10 प्रतिशत की कमी करने, गरीबों की मदद करने और खेल तथा योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने उपस्थित लोगों से देशभर में एकता का संदेश फैलाने और “भारत माता की जय” कहने वाले हर व्यक्ति को गले लगाने की अपील की।
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