सूत्र ये भी बताते हैं कि इस बैठक के बाद गृह मंत्रालय कश्मीर के हालात पर संसद में बयान भी दे सकती है. सूत्रों की मानें तो सरकार संसद का सत्र दो दिन बढ़ा सकती है, जिससे कि वर्तमान हालात पर चर्चा हो सके|
सूत्र ये भी बताते हैं कि इस बैठक के बाद गृह मंत्रालय कश्मीर के हालात पर संसद में बयान भी दे सकती है. सूत्रों की मानें तो सरकार संसद का सत्र दो दिन बढ़ा सकती है, जिससे कि वर्तमान हालात पर चर्चा हो सके. वहीं, गृहमंत्री अमित शाह के अगले हफ्ते कश्मीर दौरे की भी तैयारी है.
कश्मीर में जारी तनाव के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव के साथ खुफिया एजेंसियों के प्रमुख भी शामिल रहे. इस पूरी स्थिति की पीएम मोदी को जानकारी दी गई, जिसके बाद सोमवार को कैबिनेट की ये बैठक हो रही है.
उधर, श्रीनगर में कश्मीरी दलों ने साझा बैठक में ऐलान किया कि राज्य के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ की किसी भी कोशिश का विरोध करेंगे. नज़रबंद नेताओं ने लोगों से अपील की है कि वो सब्र रखें और ऐसा कोई कदम न उठाएं, जिससे घाटी के अमन-चैन में खलल पड़े.
आर्टिकल 35 पर फिर से बहस शुरू
कश्मीर में तनाव की एक वजह आर्टिकल 35A माना जा रहा है. इसके तहत जम्मू-कश्मीर सरकार के पास राज्य के स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार होता है. स्थायी नागरकि को मिलनेवाले अधिकार और विशेष सुविधाओं की परिभाषा भी आर्टिकल 35A के ही तहत तय की जा सकती है. यह कानून 1954 में राष्ट्रपति के आदेश के तहत शामिल किया गया था. इसे संसद में संविधान संशोधन के जरिए आर्टिकल 368 के तहत नहीं जोड़ा गया है. केंद्र सरकार इस कानून में बदलाव पर विचार कर रही है.
महबूबा ने कहा था-35A से छेड़छाड़ बारूद को हाथ लगाने जैसा
महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि उनके पूर्व सहयोगी दल राज्य में आर्टिकल 35A के खिलाफ काम कर रहे हैं. उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था कि 35A के साथ छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने जैसा होगा. इसके लिए जो हाथ उठेगा वो हाथ नहीं पूरा जिस्म जलकर राख हो जाएगा.
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