प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में भाषण दिया। हालांकि पीएम मोदी के भाषण पर राज्यसभा में हंगामा शुरू हो गया और सदन के कई नेताओं ने वॉक आउट कर दिया। बीते दिन लोकसभा में भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में गरजे हैं। हालांकि राज्यसभा में पीएम मोदी के भाषण पर विपक्ष ने जमकर हंगामा मचाया। वहीं भाषण खत्म होने से पहले विपक्षी दलों ने सदन से वॉक आउट भी कर दिया। हालांकि जाते-जाते भी पीएम मोदी ने विपक्षियों पर तंज कसने का मौका नहीं छोड़ा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर तक पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के हमारे कुछ साथियों को मैं हृदय से धन्यवाद कहना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने बार-बार ढोल पीटा था कि एक-तिहाई सरकार बनेगी। इससे बड़ी बात क्या होगी कि 10 साल बाद भी हमारी सरकार को एक-तिहाई बहुमत मिला है। उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर। पीएम मोदी ने कहा कि संविधान के 75वें वर्ष में हम प्रवेश कर रहे हैं। इस सदन को भी 75 साल होने जा रहे हैं। एक सुखद संयोग है। जिसके परिवार में कोई गांव का सरपंच या प्रधान नहीं रहा है। राजनीति से कोई सरोकार नहीं रहा है।
लेकिन आज वही व्यक्ति देश के सर्वोच्च पदों पर पहुंचकर सेवा कर रहा है। मेरे जैसे अनेक लोगों को बाबा साहेब अंबेडकर के द्वारा दिए गए संविधान की वजह से ये मौका मिला है। संविधान पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संविधान सिर्फ अनुच्छेदों की गठरी नहीं है। उसके मूल्य भी महत्व रखते हैं। किसी भी सरकार की नीतियों को लागू करने के लिए हमारा संविधान ‘लाइट हाउस’ का काम करता है। मैंने लोकसभा में कहा था कि हम 26 नंवबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाएंगे। मैं हैरान हूं कि जो लोग आज संविधान हाथ में लेकर घूमते रहते हैं उन्हीं लोगों ने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है फिर इसकी क्या जरूरत है? ये चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर मुहर है। साथ ही ये भविष्य के संकल्प का भी चुनाव है।
हमने भारत की अर्थव्यवस्था को टॉप 5 में पंहुचाया है। अब हम इसे देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। यहां मौजूद कई लोग कहेंगे कि इसमें कौन सी बड़ी बात है। इन लोगों को ऑटो पायलट मोड पर सरकार चलाने की आदत है। इसलिए वो कुछ करने में विश्वास नहीं करते बस इंतजार करना जानते हैं। लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखेंगे। पिछले 10 वर्षों में हमने जो किया है उसकी गति भी बढ़ाएंगे, विस्तार भी बढ़ाएंगे और गहराई भी बढ़ेगी।
चुनाव के दौरान मैं देशवासियों को कहता था, पिछले 10 साल में हमने जो काम किया है हमारे सपने और संकल्प उससे कहीं ज्यादा बड़े हैं। उस हिसाब से ये सिर्फ एपेटाइजर है, मेन कोर्स तो अभी शुरू हुआ है। देश देख रहा है। झूठ फैलाने वालों में सत्य सुनने की ताकत भी नहीं होती है। इनमें सत्य से मुकाबला करने के हौंसले नहीं है। इतनी चर्चा के बाद उनके अंदर उठाए हुए सवालों के जवाब सुनने की हिम्मत नहीं है। ये राज्यसभा को अपमानित कर रहे हैं। देश की जनता ने हर प्रकार से उन्हें इतना पराजित कर दिया है कि उनके पास गली मोहल्ले में चीखने के सिवाए कुछ बचा नहीं है। नारेबाजी, हो-हल्ला और मैदान छोड़कर भाग जाना, ये तीनों उनके नसीब में लिखा है।
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