पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी का सख्त संदेश: “जैसी तैयारी थी, सेना ने वैसा ही किया”

Pahalgam Attack

नई दिल्ली, 7 मई 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा की गई निर्णायक कार्रवाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपना पहला आधिकारिक बयान दिया। उन्होंने कहा, “सेना ने जैसी तैयारी की थी, वैसा ही कर के दिखाया है। देश को अपनी सेना पर गर्व है।”

पहलगाम हमला और उसका जवाब

गत सप्ताह पहलगाम में हुए आतंकी हमले में भारतीय सुरक्षा बलों के पांच जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी। इसके बाद भारतीय सेना ने सीमापार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए एक सटीक और तेज़ जवाबी कार्रवाई की।

सूत्रों के अनुसार, यह एक सीमित दायरे में की गई लक्षित कार्रवाई थी, जिसमें कम से कम तीन आतंकी लॉन्चपैड्स को तबाह किया गया। कार्रवाई को सेना ने “प्री-एंप्टिव स्ट्राइक” बताया, जो खुफिया जानकारी के आधार पर की गई।

पीएम मोदी का राष्ट्र को संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,

“आज का भारत आतंक को उसकी भाषा में जवाब देता है। हमने ये साफ कर दिया है कि भारत किसी भी आतंकी हमले को माफ नहीं करेगा। जो लोग हमारे जवानों पर वार करेंगे, उन्हें उसकी कीमत चुकानी ही पड़ेगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ बदला नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है — “भारत शांति चाहता है, लेकिन कायरतापूर्ण हमलों पर चुप नहीं बैठ सकता।”

सेना को मिला खुला समर्थन

पीएम मोदी ने सेना के शौर्य और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि देश का हर नागरिक उनके साथ खड़ा है। उन्होंने सेना को ‘फ्री हैंड’ दिए जाने की नीति पर भी दोहराया कि “सेना को निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता है। सरकार उनके हर कदम के साथ खड़ी है।”

राजनीतिक प्रतिक्रिया और विपक्ष की भूमिका

प्रधानमंत्री के बयान के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया भी सामने आई। सत्तारूढ़ भाजपा ने सरकार के कड़े रुख की प्रशंसा की है, जबकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने कार्रवाई का समर्थन करते हुए यह मांग की है कि सरकार सीमा सुरक्षा और कश्मीर नीति पर दीर्घकालिक समाधान पेश करे।

जनता की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के बयान को लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली। हैशटैग #BadlaLiyaa गया और #SurgicalStrike2 ट्रेंड कर रहा है। लोगों ने सेना और सरकार के फैसलों को समर्थन दिया और देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की मांग की।

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