
यूनिक समय, नई दिल्ली। बजट सत्र के दूसरे हिस्से के दौरान, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में सदन को संबोधित किया। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ की सफलता पर और देश के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी।
महाकुंभ की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस आयोजन में भारत की जागृत चेतना का प्रतीक दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि भारत में डेढ़ महीने तक चले महाकुंभ का उत्साह पूरे विश्व में फैला। हाल ही में, जब वे मॉरीशस गए थे, तो उन्होंने त्रिवेणी के पवित्र जल का आयोजन किया, जिसे अर्पित करने पर श्रद्धा, उत्साह और आस्था का एक अनुपम दृश्य देखा गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गंगा के धरती पर आगमन के लिए भागीरथ के प्रयासों की तरह, महाकुंभ आयोजन में भी ऐसा ही एक महाप्रयास देखने को मिला। इस आयोजन के माध्यम से पूरी दुनिया ने भारत के विराट स्वरूप को देखा। उन्होंने महाकुंभ को राष्ट्रीय चेतना के जागरण का एक प्रमुख उदाहरण बताया, जो देश को नए संकल्पों की दिशा में प्रेरित करता है।
महाकुंभ को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि यह आयोजन उन शंकाओं और आशंकाओं को उत्तर देने का काम करता है, जो भारत की सामर्थ्य पर सवाल उठाते थे।
उन्होंने नदियों के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि महाकुंभ से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें अपनी नदियों को संरक्षित करने की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे। इससे न केवल जल के महत्व का अहसास होगा, बल्कि नदियों की स्वच्छता और सुरक्षा के लिए प्रयास भी होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास जताया कि महाकुंभ से प्राप्त प्रेरणा हमारे संकल्पों की सफलता के लिए एक मजबूत आधार बनेगी।
अंत में, उन्होंने महाकुंभ से जुड़े सभी व्यक्तियों की सराहना की और देश के सभी श्रद्धालुओं को नमन किया।
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