पीएम का संवाद: हिंसा के रास्ते पर गए युवाओं को वापस लाना होगा, आप पर देश की बड़ी जिम्मेदारी

हैदराबाद। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रेनी IPS को अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीने से निभाने की टिप्स दिए। मोदी ने पुलिसिंग में सुधार के अलावा इसे और बेहतर बनाने की दिशा में अफसरों से उनके अनुभव और सुझाव भी जाने। प्रधानमंत्री हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभाई पटेल पुलिस अकादमी के ट्रेनी IPS अफसरों से संवाद कर रहे थे। यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुआ। मोदी ने हिंसा के रास्ते पर गए युवाओं को रास्ते पर लाने का आह्वान किया। मोदी ने कहा कि माओवादी हिंसा में काफी कमी आई है। उन्होंने ट्रेनी IPS से इस दिशा में बेहतर योगदान की उम्मीद जताई। बता दें कि अकादमी में अखिल भारतीय सिविल सेवा एग्जाम से चुने गए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है।

मोदी ने कहा कि आप जैसे युवाओं पर देश की बड़ी जिम्मेदारी है। अफसरों की पढ़ाई देश सेवा में काम आती है। मोदी ने अधिकारियों की फिटनेस पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस अधिकारी अपनी फिटनेस मजबूत कर लेते हैं, तो समाज भी बेहतर होगा। कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी मौजूद रहे।

मोदी ने दिए ट्रेनी IPS को ये टिप्स
रंजीता के सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हफ्ते में एक घंटे किसी गर्ल्स स्कूल में जाकर बच्चियों से बातचीत करना। अगर दूसरा हो सके, तो कहीं खुले बगीचे में बच्चियों का एक योगा का क्लास भी चलाएं। यह अपनी ड्यूटी के अलावा करें, देखना इसका असर अधिक होगा। रंजीता ने पीएम को बताया कि वे पुलिस की छवि सुधारने की दिशा में काम करना चाहती हैं। अगर थोड़ा भी कुछ कर सकीं, तो ये उनके लिए एक अचीवमेंट होगा।

पंजाब के गुरुदासपुर की रहने वालीं डॉ. नवजोत सिमी को बिहार कैडर मिला है। मोदी ने कहा कि आप तो डेंटिस्ट बनना चाहती थीं, लेकिन दुश्मनों के दांत खट्टे करने काम कैसे चुना? उन्होंने कहा कि वे इसमें रहकर अच्छे से दोनों सेवा कर पाएंगी। मोदी ने कहा कि बेटियों की भागीदारी को लेकर उनके सुझाव और अनुभव जानना चाहा। इस पर सिमी ने बताया कि वे ट्रेनिंग के दौरान बच्चियों से मिलीं। वे बच्चियां पढ़ने को लेकर उत्साहित थीं। सिमी ने कहा कि वे महिलाओं के लिए जो संभव हो सकेगा, जरूर करेंगी।

प्रशासन को जनता जनता को देश की प्रगति में भागीदारी की पहल
प्रधानमंत्री मोदी प्रशासनिक अधिकारियों से अलग-अलग मौके पर संवाद करते रहे हैं। इसका मकसद प्रशासन और जनता के बीच अच्छा माहौल पैदा करना है। मोदी जनता को भी प्रशासनिक व्यवस्थाओं में जोड़ने की कोशिश करते रहते हैं। वे स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में लोगों के विचार और सुझाव शामिल करने जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने लोगों से सुझाव मांगे हैं। विस्तार से पढ़ें खबर..

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