मध्यप्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम की चर्चा पूरे देश में हो रही है. धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के कथित चमत्कार पर विवाद भी छिड़ा हुआ है. नागरुर में धीरेंद्र शास्त्री की कथा के दौरान जो कुछ भी हुआ, उसके खिलाफ आपत्ति जताई गई थी.
मध्यप्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम की चर्चा पूरे देश में हो रही है. धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के कथित चमत्कार पर विवाद भी छिड़ा हुआ है. नागरुर में धीरेंद्र शास्त्री की कथा के दौरान जो कुछ भी हुआ, उसके खिलाफ आपत्ति जताई गई थी. आपत्ति जताने वाले ने नागपुर पुलिस से धीरेंद्र शास्त्री की शिकायत भी की थी. इस मामले में पुलिस ने धीरेंद्र शास्त्री को क्लीन चिट दे दी है. पुलिस ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री यानी बागेश्वर सरकार के खिलाफ अंध विश्वास फैलाने का कोई साक्ष्य नहीं मिला है.
याद दिला दें कि 7-8 जनवरी को बागेश्वर सरकार ने नागपुर में दरबार लगाया था. जिसके बाद अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने पुलिस से शिकायत की थी कि धीरेंद्र शास्त्री अंध विश्वास फैला रहे हैं. श्याम मानव की शिकायत की पड़ताल करते हुए पुलिस ने 7-8 जनवरी को नागपुर में हुए बागेश्वर सरकार के दरबार का वीडियो खंगाला.
वीडियो की जांच पूरी होने के बाद नागपुर पुलिस ने बाबा बागेश्वर धाम के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिलने की बात कही है. और मामले में उन्हें क्लीन चिट देते हुए बड़ी राहत दी है. नागपुर पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 7-8 जनवरी दरबार से जुड़े वीडियो को हर एंगल से खंगाला गया. पूरी जांच में वीडियो में कुछ भी ऐसा नहीं मिला जो यह साबित करे कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अंध विश्वास फैला रहे हैं.
बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री जब कथा के लिए नागपुर आये थे तो श्याम मानव ने उनपर अंध विश्वास फैलाने का आरोप लगाया था. साथ ही कहा था कि उनकी चुनौती के बाद बागेश्वर सरकार वहां से भाग गए थे. जिसके बाद बागेश्वर सरकार ने श्याम मानव का चैलेंज स्वीकार करते हुए उन्हें रायपुर अपने दरबार में बुलाया था.
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