मुंबई। महाराष्ट्र में पॉलिटिकल घमासान के समाप्त होते संजय राउत के लिए मुश्किलें खड़ी होती दिखाई दे रही हैं। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत आज दोपहर मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय(ED) के समक्ष पेश हुए। इधर, आयकर विभाग ने NCP प्रमुख शरद पवार को 2004, 2009, 2014 और 2020 में दायर चुनावी हलफनामों के संबंध में नोटिस भेजा है।
ईडी ने राउत को मुंबई की एक ‘चॉल’ के री-डेवलपमेंट में घोटाले और उनकी पत्नी के अलावा दोस्तों के फाइनेंसियल ट्रांजिक्शन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में पूछताछ के लिए तलब किया। पात्रा चावल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राउत मुंबई में ED कार्यालय समय पर पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने कहा-ED एक सर्वोच्च जांच एजेंसी है। मुझे समन भेजा है, उनको कुछ जानकारी चाहिए तो मेरा कर्तव्य बनता है कि मैं उनका सहयोग करूं। मैं बहुत निर्भय आदमी हूं क्योंकि मैंने जिंदगी में कभी गलत काम नहीं किया। इससे पहले संजय राउत ने एक tweet करके लिखा था-“आज दोपहर 12 बजे ED के समक्ष पेश होने जा रहा हूं। इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को कॉपरेट करना मेरी ड्यूटी है। कार्यकर्ताओं से अपील है कि वे ईडी दफ्तर के बाहर न जुटें।”
संजय राउत को पहले 28 जून को पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि उनके वकील ने कुछ समय मांगा था। संजय राउत के वकील विकास ने ED के समक्ष रिपोर्ट करने के लिए कुछ समय की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था, जिसे मंजूर कर लिया गया था। हालांकि उन्होंने ED से लगभग 14 दिन का समय देने की मांग की थी। लेकिन राउत को 1 जुलाई को आने को कहा था। संजय राउत को मिले नोटिस में दक्षिण मुंबई में ED के कार्यालय में प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट(PMLA) के तहत अपना बयान दर्ज करने के लिए कहा गया था। बता दें कि अप्रैल में ईडी ने मामले जांच के तहत राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके दो सहयोगियों की 11.15 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। कुर्क की गई संपत्तियां संजय राउत के सहयोगी और ‘गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड’ के पूर्व निदेशक प्रवीण एम राउत के पास पालघर, सफले (पालघर का शहर) और पड़घा (ठाणे जिला) के पास जमीन के रूप में हैं। इस मामले की जांच जारी है। ईडी ने संजय राउत के करीबी प्रवीण राउत को मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल के री डेवलपमेंट से संबंधित 1,034 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले की जांच में गिरफ्तार किया था। संजय राउत इसी मामले में घिरे हैं।
यह अलग बात है कि नोटिस के बावजूद संजय राउत के तेवर उग्र बने रहे। उन्होंने इस समन को एक साजिश करार देते हुए यह तक बोल दिया कि बेशक उनकी हत्या हो जाए, लेकिन वे बागी विधायकों की तरह गुवाहाटी का रास्ता नहीं अपनाएंगे। 60 वर्षीय संजय राउत ने मीडिया से कहा था कि वह एजेंसी के साथ सहयोग करेंगे। संजय राउत ने एक और tweet के जरिये कहा था-“मुझे गिरफ्तार करो! जय हिंद!”
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