
यूनिक समय, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पुणे जिले के मावल तालुका स्थित कुंडमला (इंदुरी) क्षेत्र में रविवार, 15 जून को बड़ा हादसा हुआ, जब इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना लोहे का पुल अचानक ढह गया। इस हादसे में चार लोगों की जान चली गई और 51 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसे के वक्त पुल पर 100 से ज्यादा पर्यटक मौजूद थे, जिससे हड़कंप मच गया।
मृतकों की पहचान चंद्रकांत साठले, रोहित माने, विहान माने और एक अज्ञात व्यक्ति के रूप में हुई है। राहत और बचाव कार्य में स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ NDRF, CRPF, PMRDA की फायर ब्रिगेड और अन्य टीमें मौके पर तैनात रहीं। घायलों का इलाज पवना अस्पताल, मायमर हॉस्पिटल, अथर्व हॉस्पिटल और युनिक हॉस्पिटल में किया जा रहा है। पुल का कुछ हिस्सा नदी से बाहर निकाला जा चुका है, लेकिन अब भी कई वाहन मलबे में फंसे हुए हैं।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, यह पुल लगभग 30 साल पुराना था और दो गांवों को जोड़ने का एक अहम मार्ग था। अब इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और हादसे की जांच शुरू कर दी गई है।
इस घटना को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं। शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हादसे को ‘सरकार की आपराधिक लापरवाही’ करार देते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार विकास की बातें तो करती है, लेकिन एक मजबूत पुल तक नहीं बना सकी। ठाकरे ने सवाल उठाया कि “जब तक ऐसी घटनाओं की जिम्मेदारी नहीं ली जाएगी, तब तक आम जनता की जान जोखिम में ही रहेगी।” उन्होंने सरकार से मृतकों के परिजनों को न्याय और उचित मुआवज़ा देने की मांग की है, साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए कड़े और प्रभावी कदम उठाने की अपील की है।
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