नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मुद्दे को लेकर नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में एक ईमेल का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘एयरबस कंपनी के एग्जक्यूटिव ने ईमेल में लिखा है कि फ्रांस के रक्षा मंत्री के ऑफिस में अनिल अंबानी गए थे। मीटिंग में अंबानी ने कहा था कि जब पीएम आएंगे तो एक एमओयू साइन होगा, जिसमें अनिल अंबानी का नाम होगा। यानी राफेल डील में. इसके बारे में न तो भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री को मालूम था, न ही एचएएल को न ही विदेश मंत्री को।
लेकिन राफेल डील से 10 दिन पहले अनिल अंबानी को इस डील के बारे में मालूम था। इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री अनिल अंबानी के मिडिलमैन की तरह काम कर रहे थे। सिर्फ इसी आधार पर टॉप सेक्रेट को किसी के साथ शेयर करने को लेकर प्रधानमंत्री पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. उन्हें जेल भेजना चाहिए. यह देशद्रोह का मामला है।’ राहुल ने राफेल डील के संदर्भ में आगे कहा कि इस मुद्दे से तीन बातें जुड़ी हैं। ये हैं- करप्शन, प्रोसीजर और देशद्रोह। उन्होंने कहा कि इन तीन मामलों में कोई नहीं बचेगा।
मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले राहुल ने ट्वीट किया- ‘प्रिय छात्रों और देश के युवाओं, हर रोज राफेल को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं। इन खुलासों से साफ हो रहा है कि प्रधानमंत्री ने अपने दोस्त अनिल अंबाली की आपके 30 हजार करोड़ रुपए चुराने में मदद की। ‘ इससे पहले सोमवार को लखनऊ में बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ रोड शो के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, “देश के चौकीदार ने उत्तर प्रदेश, दूसरे राज्यों और एयरफोर्स से पैसे चोरी किए. चौकीदार चोर है. उत्तर प्रदेश देश का दिल है. हम फ्रन्टफुट पर खेलेंगे. सिंधिया , प्रियंका और मैं तब तक नहीं थमेंगे जब तक कांग्रेस विचारधारा की सरकार राज्य में नहीं बन जाती।” बता दें कि सोमवार को सीएजी ने राफेल से जुड़ी रिपोर्ट राष्ट्रपति और वित्त मंत्रालय को भेजने के बाद इसे लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के चेयरमेन को भेजा गया। आज सीएजी की रिपोर्ट संसद में रखी जा सकती है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले एक अंग्रेजी अखबार ने राफेल डील को लेकर विवादित दावा किया था। उसकी रिपोर्ट पर राजनीतिक गलियारों में खूब बवाल हुआ था। बाद में उसी न्यूजपेपर ने अपनी रिपोर्ट की दूसरी किस्त निकालकर दावा किया था कि मोदी सरकार इस सौदे को लेकर इतनी हड़बड़ी में थी कि उसने एंटी करप्शन क्लॉज जैसी महत्वपूर्ण शर्त को हटा दिया। इसके बाद इसी रिपोर्ट का हवाला देकर कांग्रेस के कई नेताओं ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर व्यंग्य भी किया था।
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