राजस्थान: आटा, चावल, दाल पर जीएसटी के विरोध में 247 मंडियां बंद, 30 हजार छोटी चक्कियां भी बंद

आटा, चावल, दाल समेत अन्य खाद्य पदार्थ में जीएसटी लगाने को लेकर शनिवार 16 जुलाई के दिन राजस्थान में खाद्य कारोबार बंद है। करोड़ोें रुपयों का नुकसान होना तय है। खाने पीने की वस्तुओं से जुड़े कारोबारी आज अपना कारोबार बंद रखेंगे। यह सब जीएसटी लगाने के विरोध में किया जा रहा है। कारोबारियों का कहना है कि सरकार रोजी रोट पर टैक्स लगा रही है। इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता है। टैक्स के विरोध में आज प्रदेश का कारोबार बंद कर दिया गया है और इसे बंद कराकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया गुप्ता ने बताया कि अगर केन्द्र सरकार जीएसटी वापस नहीं लेगी तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। अनब्रांडेड खाद्य उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाना जीएसटी की मूल भावना के विपरीत है। गुप्ता ने बताया कि सरकार कारोबारियों के साथ सही नहीं कर रही और इसका सीधा असर जनता पर पड़ने वाला है। आप सोचिए जिस देश में रोजी रोटी पर ही टैक्स लग जाए तो फिर वहां क्या बतचा है ? गुप्ता ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटी ने कहा था कि कभी भी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा। सरकार का यह कदम महंगाई को कई गुना बढ़ा देगा।

खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी और टैक्स के विरोध में आज प्रदेश में सबसे बड़ा प्रदर्शन किया जा रहा है। आज प्रदेश की सभी 247 उपज मंडियों को बंद रखा गया है। साथ ही प्रदेश की 140 चावल मिलें, 600 आटा मिलें और 860 दाल मिलें भी बंद हैं। यहां पर भी कामकाज नहीं होगा। इनके साथ ही करीब तीस हजार से भी चक्कियां बंद रहेंगी। लाखों लोगों का आज काम नहीं मिलेगा। यह सब विरोध प्रदर्शन के लिए किया जा रहा है।

जीएसटी काउंसिल की ओर से 18 जुलाई से प्री. पैकेज्ड व प्री लेबल्ड फूड जैसे दाल, चावल, आटा, मैदा, सूजी, गुड, मुरमुरे, मखाना समेत खाद्य उत्पादों पर पांच फीसदी जीएसटी लागू हो जाएगा। नए कानूनों के विरोध में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, बीयूवीएम, के आह्वान पर आज देशभर की मंडियां, आटा, चावल व दाल मिलों में बंद रहेंगी।

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