
यूनिक समय, नई दिल्ली। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अंता से बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता को समाप्त कर दिया है। मीणा को एक पुराने आपराधिक मामले में तीन साल की सजा मिली थी, जिसे उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा और सर्वोच्च न्यायालय ने भी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
यह मामला वर्ष 2005 का है, जब कंवरलाल मीणा ने उप सरपंच चुनाव के दौरान एक एसडीएम पर रिवॉल्वर तानी थी और घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग को नष्ट कर दिया था। इस मामले में 14 दिसंबर 2020 को अकलेरा की एक अदालत ने उन्हें सरकारी काम में बाधा, अधिकारियों को धमकाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया था और तीन साल की कैद की सजा सुनाई थी।
कानून के अनुसार, यदि किसी सांसद या विधायक को तीन साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त मानी जाती है। इसी आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ने महाधिवक्ता की रिपोर्ट मिलने के बाद शुक्रवार को कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द करने का फैसला सुनाया। अब अंता (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 193, जिला बारां) सीट खाली हो गई है।
कांग्रेस ने इस फैसले को संविधान और लोकतंत्र की जीत बताया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सत्यमेव जयते”, और दावा किया कि कांग्रेस के दबाव और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली द्वारा कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करने के बाद यह कार्रवाई हुई है।
टीकाराम जूली ने भी कहा कि यह लोकतंत्र और संविधान की मर्यादा की जीत है। इस घटनाक्रम के बाद राजस्थान विधानसभा में अब भाजपा के 118 और कांग्रेस के 66 विधायक शेष रह गए हैं।
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