कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट व 18 अन्य विधायकों की विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है। मामले से अलग वकीलों को अदालत के बाहर रहने को कहा गया है। शुरुआत में अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें दे रहे हैं। उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान सिंघवी ने अदालत में किहोतो के फैसले का जिक्र किया। इसमें 10वीं शेड्यूल की बात की गई है।
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Hearing on a petition filed by Sachin Pilot & 18 other Congress MLAs against disqualification notices issued to them by the Assembly Speaker is underway before Jaipur Bench of Rajasthan High Court. Chief Justice Indrajit Mahanty and Justice Prakash Gupta are hearing the matter.
— ANI (@ANI) July 20, 2020
– अदालत में स्पीकर की तरफ से पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील सिंघवी ने दलील देते हुए कहा कि ये याचिका केवल नोटिस के आधार पर दायर की गई है। जबतक स्पीकर किसी विधायक को अयोग्य घोषित नहीं कर देते तब तक इसमें अदालत दखल नहीं दे सकती है। इसलिए यह अर्जी खारिज होनी चाहिए।
– स्पीकर की तरफ से अदालत में पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि स्पीकर के आदेश को सीमित आधार पर चुनौती दी जा सकती है लेकिन जो याचिका दायर की गई है उसमें वो आधार शामिल नहीं है।
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बता दें कि पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस को अदालत में चुनौती दी है। याचिका में नोटिस को कांग्रेस की एक शिकायत के आधार पर चुनौती दी गई है, जिसमें पार्टी ने कहा था कि पार्टी व्हिप की अवज्ञा करने को लेकर विधायकों को राजस्थान विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। इससे पहले उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने स्पीकर के नोटिस के खिलाफ असंतुष्ट विधायकों की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार शाम को स्थगित कर दी थी।
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