अहमदाबाद, एएनआइ। गुजरात की अहमदाबाद अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ एक मानहानि के मामले में समन जारी करने के बाद भी जवाब नहीं देने और अदालत में उपस्थित नहीं होने के लिए जमानती वारंट जारी किया है।
गौरतलब है कि नोटबंदी के दौरान एडीसी बैंक में एक ही दिन में 70 करोड़ रुपये के नोट बदलने पर रणदीप सुरजेवाला ने सवाल उठाया था। लगातार कोर्ट में पेश नहीं होने के चलते मजिस्ट्रेट एनवी मुंशी ने जमानती वारंट जारी करते हुए 18 दिसंबर को हाजिर होने के आदेश दिए हैं। एडीसी बैंक चेयरमैन अजय पटेल ने राहुल व सुरजेवाला पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह खुद इस बैंक के निदेशक मंडल के सदस्य हैं।
गुजरात में अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ एक स्थानीय अदालत में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। मामला 2016 में नोटबंदी के वक्त पांच दिन के भीतर करीब 750 करोड़ रुपये बदलने के घोटाले में बैंक के शामिल होने के उनके आरोपों से जुड़ा है।
शिकायतकर्ता एडीसीबी व उसके अध्यक्ष अजय पटेल की ओर से दाखिल याचिका के मुताबिक, दोनों नेताओं ने बैंक के खिलाफ आरोप लगाए। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट एस के गढवी ने सीआरपीसी की धारा 202 के तहत मामले में अदालती जांच का आदेश दिया था।
राहुल गांधी व रणदीप सुरजेवाला ने कथित रूप से आरोप लगाए थे कि आठ नवंबर, 2016 को 5,00 व 1,000 रुपये के नोट बंद करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के पांच दिन के भीतर एडीसीबी ने 745.59 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा किए। मुंबई के एक एक्टिविस्ट द्वारा दायर आरटीआइ पर नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक) ने जवाब जारी किया था, जिसके बाद राहुल व सुरजेवाला ने आरोप लगाए थे।
राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा था कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के निदेशक बधाई हो। आपके बैंक ने पुराने नोटों को बदलकर नया करने में बाजी मार ली। पांच दिनों में 750 करोड़। एडीसीबी व पटेल ने अपने वकील एसवी राजू के जरिए अदालत के समक्ष अर्जी में कहा कि दोनों कांग्रेस नेताओं की ओर से दिया गया बयान झूठा था, क्योंकि बैंक ने इतनी बड़ी राशि बदली ही नहीं।
Leave a Reply