महंगाई से रावण के बढ़े ‘भाव’ और सूर्पणखा इतराई

यूनिक समय, मथुरा। दो साल बाद दशहरा पर शहर में सार्वजनिक रावण दहन के कार्यक्रम होंगे। जगह-जगह रावण के पुतले बनने लगे हैं लेकिन इस बार महंगाई की मार से रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के ‘भाव’ बढ़े हुए हैं। पिछले सालों की अपेक्षा इस बार आयोजकों को रावण का पुतला बनवाना कुछ ज्यादा महंगा लग रहा है। इस बारे में आयोजकों का कहना है कि महंगाई तो है लेकिन धार्मिक कार्यक्रम भी तो करने हैं। राम लीला मैदान के लिए बनने वाले रावण, मेघनाथ और कुंभ कर्ण ही एक लाख रुपये तक महंगा हो गया है।

दशहरे पर फूंके जाने वाले रावण के आदमकद पुतला के इतने भाव बढ़ गए हैं कि आयोजकों की परेशानी भी बढ़ गई है। पिछले सालों की अपेक्षा इस बार रावण निर्माण 40-60 फीसदी तक महंगा हो गया है। पिछले वर्षों में 25 फीट का रावण करीब 22-25 हजार के बीच में बन जाता था जो इस बार 35-40 हजार के बीच में बन रहा है। असल में पिछले एक साल के दौरान पुतला निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सभी वस्तुओं के रेट बढ़ गए हैं। जिसकी वजह से रावण बनाना महंगा हो गया है। बड़े पुतलों में 12 फीट का जो पुतला 8 हजार रुपए में तैयार होता था, उसकी कीमत इस साल 15 हजार तक पहुंच गई है। इस बार दशहरा के लिए रावण 110 फीट, मेघनाथ 90 फीट तो कुंभकर्ण 35 फीट ऊंचा बनाया जाएगा। कारीगर अमीर अहमद कहते हैं कि इन तीनों को बनाने में एक महीने से ज्यादा का समय लग जाता है। पुतले बनाने का काम 28 अगस्त को शुरू किया और पांच अक्तूबर तक बनकर तैयार हो जाएंगे।

महंगाई के बाद भी पुतलों की लंबाई बढ़ाई
श्री रामलीला कमेटी का कहना है कि रावण का पुतला बनाना बहुत महंगा हो गया है। निर्माण में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। ‘पिछले साल रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण बनाने में जितना रुपया खर्च किया था इस बार उससे ज्यादा का खर्चा इन तीनों पर आ रहा है। तीनों पुतलों के साइज में कोई कमी नहीं की है बल्कि थोड़ा बहुत बढ़ ही गया होगा।

वस्तुओं की तुलनात्मक दरें

वस्तु वर्ष 2022 वर्ष 2019
20 बांस 800-850 500
कागज रद्दी 40 20
कागंज घोंटा पेपर 90 55
बीओपीपी फिल्म 250 140
(नोट : कागज और पन्नी के रेट किलो में हैं)

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*