यूनिक समय ,नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद कई थ्योरी सामने आईं। भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज मनोज तिवारी ने कहा कि अश्विन का अपमान किया गया, जबकि पूर्व भारतीय गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने कहा कि अश्विन का दिल टूट गया था, जिसके कारण उन्होंने यह फैसला लिया। अब खुद रविचंद्रन अश्विन ने इस बारे में अपनी राय दी है और विदाई टेस्ट न मिलने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।
भारतीय टीम के पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा, मुझे इस ब्रेक की जरूरत थी। मैंने सीरीज के बीच में ही खेल छोड़ दिया और मैं क्रिकेट के बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहता। सिडनी और मेलबर्न टेस्ट के बाद मैंने सोशल मीडिया पर काफी चीजें पोस्ट कीं। मैंने संन्यास के बारे में बात नहीं की क्योंकि मैं ड्रेसिंग रूम का हिस्सा था और मेरे लिए ड्रेसिंग रूम का सम्मान करना जरूरी था। इन दिनों फैन वॉर काफी जहरीला हो गया है।
उन्होंने कहा, आपको पता होना चाहिए कि कभी-कभी यह अनायास हो जाता है। लोग बहुत कुछ कह रहे हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। उस समय मुझे लगा कि मैंने अपनी रचनात्मकता खो दी है। अंत सुखद भी हो सकता है, ज्यादा अटकलें लगाने की कोई वजह नहीं है। मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि विदाई मैच महत्वपूर्ण नहीं हैं। मैं बस ईमानदार होना चाहता हूं। जरा सोचिए, अगर मुझे विदाई टेस्ट मिलता है, लेकिन मैं टीम में जगह पाने का हकदार नहीं हूं, तो मैं खुश नहीं रहूंगा। मेरे क्रिकेट में जान थी, लेकिन मुझे लगता है कि जब लोग आपसे पूछते हैं कि आप क्यों जा रहे हैं, तो रुक जाना महत्वपूर्ण है।
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