नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आज से डिजिटल रुपये के खुदरा इस्तेमाल को लेकर पहला पायलट परीक्षण शुरू कर रहा है। रिजर्व बैंक के अपनी डिजिटल करेंसी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी नाम दिया है। पायलट परीक्षण के तहत फिलहाल सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के चार बैंकों को शामिल किया गया है। गौरतलब है कि आरबीआई ने एक बयान में यह जानकारी देते हुए पायलट परीक्षण की बात कही थी।
ई-रुपये से लेनदेन में होगी आसानी: डिजिटल करेंसी को लेकर आरबीआई ने कहा है कि, डिजिटल रुपये को बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। वहीं, पायलट प्रोजेक्ट के तहत उपयोगकर्ता परीक्षण में शामिल होने वाले बैंकों की तरफ से पेश किए जाने वाले डिजिटल वॉलेट के जरिये ई-रुपये से लेनदेन कर सकेंगे। यह लेनदेन पी2पी और पी2एम दोनों ही फॉर्मेट में किए जा सकेंगे।
चार बैंकों को किया जाएगा शामिल: डिजिटल रुपये के खुदरा उपयोग के इस परीक्षण में भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक समेत चार बैंक शामिल होंगे। आरबीआई का पायलट परीक्षण देश की राजधानी दिल्ली समेत मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में किया जाएगा. आरबीआई ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक रुपया एक डिजिटल टोकन के स्वरूप में होगा, जो एक वैध मुद्रा को रिप्रेजेंट करेगा। इसे इस समय जारी होने वाली कागजी मुद्रा एवं सिक्कों के मौजूदा आकार में ही जारी किया जाएगा।
इन खूबियों से लैस होगा डिजिटल रुपया: डिजिटल करेंसी को लेकर आरबीआई का कहना है कि यह रुपया परंपरागत नकद मुद्रा की ही तरह धारक को भरोसा, सुरक्षा और अंतिम समाधान देगा। आरबीआई ने कहा कि नकदी की तरह ही डिजिटल रुपया के धारक को किसी तरह का ब्याज नहीं मिलेगा और इसे बैंकों के पास जमा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
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