RBI Monetary Policy: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की ओर से नई मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया गया है।

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RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों का ऐलान किया है. ये एमपीसी की बैठक 3 अप्रैल से शुरू हुई थी और आज इसके नतीजे जारी कर दिए गए. आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं कर रहा है और इस तरह रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर है और बैंक रेट 6.75 फीसदी पर स्थिर रखा गया है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने 5:1 बहुमत से नीतिगत दर पर फैसला लिया.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति ने 5:1 बहुमत से नीतिगत दर पर फैसला लिया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और ये यथावत रखी जाएंगी.

आरबीआई गवर्नर की प्रमुख बातें

कोर महंगाई दर में कमी देखने को मिली है लेकिन ये आरबीआई के तय लक्ष्य 4 फीसदी से ऊपर है. इसे नियंत्रित लक्ष्य में लाना प्राथमिकताओं में बरकरार है.

अर्थव्यवस्था के हित में ये जरूरी है कि सीपीआई यानी कोर प्राइस इंफ्लेशन को तय दायरे में लाया जाए.

आरबीआई महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों से निपटने और जरूरी कदम उठाने के लिए बेहतर स्थिति में है. एमपीसी मुद्रास्फीति को आरबीआई के चार फीसदी के लक्ष्य के अनुरूप करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ रहेगी.

वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव, व्यापारिक मार्ग पर बाधाओं से चिंता बनी हुई है.

एमपीसी उदार रुख को वापस लेने के फैसले पर कायम है और विड्रॉल ऑफ अकोमेडेशन का रुख यथावत रखा गया है.

वित्त वर्ष 2025 की चारों तिमाही में जीडीपी के लिए 7 फीसदी या इससे ज्यादा दर का लक्ष्य तय किया गया है. केवल दूसरी तिमाही में 6.9 फीसदी का टार्गेट तय किया गया है.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645.6 अरब डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर आ गया है और ये आंकड़ा 29 मार्च 2024 को छू लिया गया है. कुछ समय पहले विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर चिंताएं बनी थी लेकिन आरबीआई ने इस विषय को मजबूती से हैंडल किया और भरोसे को बरकरार रखा.

भारतीय रुपये की स्थिरता भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के मुताबिक ही है और इसमें ठोस आधार देखा जा रहा है.

देश में सरकारी सिक्योरिटीज, गवर्नमेंट बॉन्ड्स में तेजी से निवेश बढ़ रहा है.

खाद्य महंगाई दर में लगातार उतार-चढ़ाव बरकरार है लेकिन वित्त वर्ष 2025 के दूसरी तिमाही में ये आरबीआई के तय लक्ष्य 4 फीसदी के भीतर आने और 3.8 फीसदी पर रहने का अनुमान है.

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