जुमे की नमाज के लिए पहली बार भारी संख्या में नमाजी ज्ञानवापी पहुंचे। शुक्रवार को ज्ञानवापी में नमाजियों की संख्या 2247 पहुंच गई। व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ शुरू होने के विरोध में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की अपील पर शुक्रवार को ज्ञानवापी में नमाज पढ़ने आए थे।
हालत यह हुई कि ज्ञानवापी मस्जिद में पैर रखने की भी जगह नहीं बची और पुलिस को नमाजियों को लौटाना पड़ा। पुलिस ने लोगों से नजदीक की दूसरी मस्जिदों में नमाज पढ़ने चले जाने की अपील भी की। वहीं दोपहर बाद भीड़ ने दालमंडी में नारेबाजी कर माहौल गरमाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। इस दौरान दिन भर मुस्लिम इलाकों की दुकानें-कारखाने बंद और करघे व लूम खामोश रहे। इससे पहले 25 अक्तूबर 2018 की रात ज्ञानवापी रेड जोन में वक्फ बोर्ड की दीवार तोड़ने का आरोप लगने के बाद विरोध में अगले दिन जुमे की नमाज के लिए 2100 लोग ज्ञानवापी पहुंचे थे।
इसके लगभग चार साल बाद ज्ञानवापी में अधिवक्ता आयुक्त के सर्वे की कार्रवाई के दौरान छह मई 2022 को ज्ञानवापी में नमाज पढ़ने के लिए 2001 नमाजी पहुंचे थे। उधर, मसाजिद कमेटी की अपील के मद्देनजर जिले भर में पुलिस और प्रशासनिक महकमा बृहस्पतिवार से ही हाई अलर्ट पर था। शुक्रवार की सुबह पुलिस, पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों ने पैदल गश्त शुरू कर दी। गोदौलिया से चौक थाना मार्ग पर बांसफाटक और मणिकर्णिका प्रवेश द्वार पर बैरिकेडिंग की गई थी।
ज्ञानवापी के बाहर विश्वनाथ धाम के गेट नंबर 4 से लेकर चौतरफा डेढ़ से दो किलोमीटर के दायरे में सड़क, गलियों और भवनों की छतों पर फोर्स तैनात थी। वहीं, 13 मई, 20 मई, तीन और 10 जून 2022 को भी ज्ञानवापी में नमाज पढ़ने वालों की संख्या 1500 से ज्यादा ही थी। 2018 के पहले 1420 लोगों की क्षमता थी, खास मौके पर संख्या बढ़ जाती थी। हालांकि इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है कि पहले कितने लोग नमाज पढ़ने आते थे।
मुफ्ती ए शहर अब्दुल बातिन नोमानी ने नमाजियों से कहा कि वह मोमिन बनें। अल्लाह को राजी करें। आज अल्लाह तआला हमसे नाराज हैं। उसे राजी करने की जरूरत है। लिहाजा पंजगाना नमाज कायम करें। मस्जिदें आबाद हों। जब तक हम मोमिन नहीं होंगे, तब तक अल्लाह की नाराजगी दूर नहीं होगी। नाम के मुसलमान न रहिए। मोमिन बनने की कोशिश करिए, तभी भलाई है।
ज्ञानवापी में जुमे की नमाज से पहले की गई तकरीर में जहां नमाजियों को मस्जिद और व्यासजी के तहखाने की हकीकत से वाकिफ कराया। वहीं, मुसलमानों से अमन चैन कामय रखने की अपील भी की। उन्होंने कहा, किसी भी हाल में शहर का अमन चैन खराब न हो, इसका ध्यान रखा जाए। नमाज अदा कर सीधे घर रवाना हों।
अजान होने से पहले ही नमाजियों से मस्जिद भर गई। मुफ्ती अब्दुल बातिन ने नमाज से पहले तकरीर शुरू की। कहा, हमारा मुल्क लोकतंत्र पर आधारित है। इसके चार स्तंभ हैं। एक स्तंभ मीडिया अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा रहा है।
शहर की सभी मस्जिदों में मुल्क की सलामती और अमनचैन की दुआएं मांगी गईं। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से नमाजे अस्र तक मस्जिदों के साथ ही घरों में भी तस्बीह, दुरुद के साथ ही तिलावत करने का एलान किया गया था। उस पर अमल करते हुए मस्जिदों में लोगों ने तस्बीहात, दुरुद शरीफ और तिलावत की। महिलाओं ने भी घरों में रहकर इबादत की और अमनचैन की दुआएं मांगी।
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