नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने प्रत्यक्ष कर से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए ‘विवाद से विश्वास’ के तहत विवरण देने की डेडलाइन बढ़ाकर 31 मार्च कर दी है। इसके अलावा योजना के अंतर्गत फीस जमा करने की अंतिम तिथि भी बढ़ाकर 30 मार्च कर दी गई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ट्विटर पर लिखे अपने पोस्ट में कहा है कि सीबीडीटी (CBDT) ने विवाद से विश्वास कानून के तहत अनाउंसमेंट करने की समय सीमा बढ़ाकर 31 मार्च, 2020 कर दी है। बिना अतिरिक्त राशि के भुगतान की समय सीमा बढ़ाकर 30 अप्रैल, 2021 कर दी गई है।
अब तक 1,25144 मामलों का निपटान
इस योजना के तहत घोषणा करने की समय सीमा 28 फरवरी थी जबकि विवादित कर राशि भुगतान की समय सीमा 31 मार्च थी। इकायों ने अब तक 1,25,144 मामलों के निस्तारण के लिए विवाद से विश्वास योजना के विकल्प को चुना गया है। यह विभिन्न कानूनी मंचों में लंबित 5,10,491 मामलों का 24.5 प्रतिशत है। करीब 97,000 करोड़ रुपये मूल्य के विवादित कर के मामलों में इस योजना को चुना गया है।
विवादित शुल्क के निपटान का विकल्प
विवाद से विश्वास योजना आकलन के संदर्भ में विवादित कर, विवादित ब्याज, विवादित जुर्माना या विवादित शुल्क के निपटान का विकल्प उपलब्ध कराता है। इसके तहत विवादित कर का 100 प्रतिशत और विवादित जुर्माना या ब्याज अथवा शुल्क का 25 प्रतिशत देकर लंबित मामलों का निपटान किया जा सकता है।
क्या होती है विवाद से विश्वास स्कीम
इस योजना की शुरुआत 17 मार्च 2020 को गई. विवाद से विश्वास योजना केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई है। यह वित्त मंत्रालय की योजना है। इस योजना का मुख्य मकसद लोगों को करों के विवाद से छुटकारा देना है। लोग कोर्ट कचहरी के झंझट में न पड़ें, और इस योजना का लाभ उठाकर कर से जुड़े विवाद निपटा लें। देश में प्रत्यक्ष कर से जुड़े 4 लाख से ज्यादा मामले कोर्ट में लंबित हैं। इससे निपटने के लिए यह योजना कारगर है। इसमें टैक्सपेयर्स को केवल विवादित टैक्स की राशि का भुगतान करना होता है। सरकार की ओर से ब्याज और जुर्माने पर छूट दी जाती है।
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