नई दिल्ली। ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने बॉडी में विटामिन डी की कमी और कोरोना वायरस बीमारी के बढ़ते मामलों और 20 यूरोपीय देशों में हुई मृत्यु दर में एक कड़ी खोज निकाली है। इससे पहले हुए कुछ शोध में विटामिन डी की कमी और सांस नली में इन्फेक्शन की बात सामने आई थी।
द ट्रिब्यून ने छापा है कि यूके की एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी की अध्ययनकर्ता डॉ. ली स्मिथ ने इस सिलसिले में कहा,’हमें बॉडी में विटामिन डी के कम स्तर और कोविड—19 के मामलों और विशेष रूप से कोविड—19 से हुई मृत्यु दर, के बीच कुछ अहम तार मिले हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक़, विटामिन डी शरीर में सफ़ेद रक्त कणिकाओं WBCs, व्हाइट ब्लड सेल्स के काम करने के को प्रभावित करता है। विटामिन डी बॉडी में व्हाइट ब्लड सेल्स को को साइटोकाइन (Cytokines) नाम की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। जो लोग कोरोना वायरस से इन्फेक्टेड हैं उनमें साइटोकाइन (Cytokines) काफी तेजी से बनने लगता है।
स्मिथ ने बताया कि इससे पहले हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई थ कि हॉस्पिटल्स और केयर सेंटर जैसे संस्थानों में 75 प्रतिशत लोगों को विटामिन डी की काफी ज्यादा कमी थी। इसी के साथ जोड़ते हुए उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल यह स्टडी अभी बहुत कम जगहों पर हुईहै। हर देश में रोगियों की संख्या देश में होने वाले कोरोना के टेस्ट के नंबर पर आधारित है। इसी के साथ हर देश में इन्फेक्शन से लड़ने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए गए हैं। उन्होंने इस बार पर जोर दिया कि भले ही विटामिन डी की कमी और कोरोना के बीच कुछ सम्बन्ध है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बॉडी, में विटामिन डी की कमी ही कोरोना वायरस बीमारी का कारण है।
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