जुबा (दक्षिण सूडान)। विवादित अफ्रीकी क्षेत्र अबेई में बंदूकधारियों ने एक गांव पर हमला कर खून की नदी बहा दी। अबेई पर सूडान और दक्षिण सूडान दोनों देशों द्वारा दावा किया जाता है। यह तेल समृद्ध क्षेत्र है। मारे गए लोगों में एक संयुक्त राष्ट्र के शांतिदूत थे।
हमला शनिवार शाम को किया गया। इसके पीछे की वजह अभी साफ नहीं है। हालांकि आशंका जताई जा रही है कि हमले का कारण जमीन विवाद हो सकता है। इस क्षेत्र में घातक जातीय हिंसा आम रही है। जहां पड़ोसी वार्रप राज्य के ट्विक डिंका आदिवासी सीमा पर स्थित अनीत क्षेत्र को लेकर अबेई के नगोक डिंका के साथ भूमि विवाद में फंसे हुए हैं। अबेई के सूचना मंत्री बुलिस कोच ने बताया है कि शनिवार की हिंसा में हमलावर नुएर जनजाति के हथियारबंद युवा थे। ये पिछले साल अपने क्षेत्रों में बाढ़ के कारण वार्रप राज्य में चले गए थे।
संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल अबेई (UNISFA) ने इस हिंसा की निंदा की है। UNISFA ने पुष्टि की कि न्यिंकुआक, मजबोंग और खादियन क्षेत्रों में अंतर-सांप्रदायिक झड़पें हुईं हैं, जिससे लोग हताहत हुए हैं। नागरिकों को UNISFA ठिकानों पर ले जाया गया है। अगोक में UNISFA बेस पर हथियारबंद समूह ने हमला किया। मिशन ने हमले को विफल कर दिया, लेकिन दुखद रूप से घाना का एक शांतिरक्षक मारा गया।
गौरतलब है कि अबेई क्षेत्र को लेकर सूडान और दक्षिण सूडान के बीच कई साल से विवाद चल रहा है। 2005 के शांति समझौते के बाद सूडान के उत्तर और दक्षिण के बीच दशकों से चला आ रहा गृह युद्ध समाप्त हो गया था। इसके बाद 2011 में सूडान और दक्षिण सूडान दो देश बने। हालांकि अबेई क्षेत्र को लेकर दोनों के बीच विवाद जारी है। सूडान और दक्षिण सूडान दोनों अबेई पर अपना दावा करते हैं।
अबेई क्षेत्र के बहुसंख्यक नगोक डिंका लोग दक्षिण सूडान के पक्ष में हैं, जबकि मिसेरिया खानाबदोश (जो अपने मवेशियों के लिए चारागाह खोजने के लिए अबेई आते हैं) सूडान के पक्ष में हैं। वर्तमान में यह क्षेत्र दक्षिण सूडान के नियंत्रण में है।
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