संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। पुलिस-प्रशासन के कड़े बंदोबस्त के बीच राष्ट्रीय लोकदल ने सरकार की मनमानी के खिलाफ प्रदर्शन किया। एक बार तो पुलिस ने धरना स्थल से टैंंट माइक को कब्जे में लेकर कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए नांके बंदी कर दी। धरना स्थल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
रालोद कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ने के साथ प्रशासन ढीला पड़ गया। धरना स्थल पर रालोद के वक्ताओं ने प्रदेश सरकार पर तंज कसा। जनता की आवाज का बुलंद करने की कोशिश की।
योगेश नौहवार पर लगाए गए फर्जी मुकदमों की वापसी, डीजल पेट्रोल के बढ़े हुए दामों को वापस लेन,े बेरोजगार नौजवानों को रोजगार देने, छाता शुगर मिल को पुन: चालू करने, कोरोना काल में मृत व्यक्तियों के परिवारी जनों को आर्थिक सहायता देने और केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल को वापस लेने का मुद्दा उठाया।ब्रज प्रांत के अध्यक्ष चौधरी जगपाल सिंह,जिला अध्यक्ष बाबूलाल प्रमुख ने कहा कि जिला प्रशासन ने कार्यकर्ताओं को यहां आने से रोकने का पूरा प्रयास किया, उसके बावजूद भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और किसान यहां आए। उन्होंने यह संदेश दिया किसी से डरने वाली नहीं है।
चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी समय में किसानों के साथ अभद्र व्यवहार एवं झूठी रिपोर्ट वाले थानों को घिराव किया जाएगा। रालोद नेता एवं जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अनूप चौधरी, रालोद के प्रदेश उपाध्यक्ष कुंवर नरेंद्र सिंह, डॉ. अशोक अग्रवाल, राजेंद्र सिंह सिकरवार, गौरव मलिक, चेतन मलिक, राजपाल सिंह, जगदीश सुपानिया, रविंद्र नरवार, रामवीर सिंह,उमेश चौधरी, रामरसपाल पौनिया, सुरेश भगतजी, राजकुमार सागवान तथा पूर्व सांसद मुंशी रामपाल, पूर्व विधायक सादाबाद प्रताप सिंह, पूर्व विधायक खैर भगवती सूर्यवंशी, आगरा की जिला अध्यक्ष कुसुम चौहान, अलीगढ़ जिला अध्यक्ष कालीचरण, हाथरस जिला अध्यक्ष केशव चौधरी आदि उपस्थित थे।
राया प्रतिनिधि के अनुसार मथुरा जा रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कार्यकर्ताओं को बस में भरकर थाने ले आई। इसमें जिला पंचायत सदस्य मुकेश चौधरी, रन सिंह, अशोक सिंह, पूरन सिंह, मान सिंह, शिव सिंह, श्याम सिंह आदि शामिल थे।
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