RSS ने महाराष्ट्र के राजनीतिक दंगल में मारी एंट्री

महाराष्ट्र में मचे राजनीतिक घमासान के बीच अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की एंट्री हो रही है। शिवसेना ने आरएसएस प्रमुख के सामने गुहार लगाई है कि वे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को समझाएँ। इसे लेकर शिवसेना ने एक पत्र लिखा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के करीबी माने जाने वाले शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने RSS के सरसंघचालक (प्रमुख) मोहन भागवत को सत्ता के लिए मची इस होड में दखल देने के लिए कहा है। इसके साथ ही उन्होने यह कहा है कि बीजेपी गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है।

किशोर तिवारी ने मोहन भागवत को लिखे पत्र में लिखा है कि राज्य की जनता ने BJP-शिवसेना गठबंधन के पक्ष में जनादेश दिया है, लेकिन BJP द्वारा ‘गठबंधन धर्म’ का पालन नहीं करने की वजह से महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन में विलंब हो रहा है। इसीलिए, RSS को दखल देना चाहिए और मुद्दे को हल करना चाहिए। शिवसेना के नेताओं का कहना है कि उन्होने वर्ष 2014 में भाजपा कि सारी शर्ते मान ली थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। बीजेपी बस यही कह रही है कि वे मुख्यमंत्री पद किसी को नहीं देंगी।

भाजपा से अलग जाकर सरकार बनाएगी शिवसेना

भाजपा से समर्थन नहीं मिलने के बाद शिवसेना के नेता यह तक कह चुके हैं कि वे सरकार और अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ भी आ सकती है। दिल्ली मे गृहमंत्री अमित शाह से मुलाक़ात के बाद देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि महाराष्ट्र में जल्द से जल्द सरकार गठित किए जाने की ज़रूरत है, और ऐसा होगा। जहां एक ओर शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती है वही दूसरी ओर एनसीपी प्रमुख शरद पवार कई बार कह चुके हैं कि वे जनादेश को मानते हुए विपक्ष की राजनीति करेंगे।

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