राजकुमार गौतम
यूनिक समय, नई दिल्ली/लखनऊ । पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में मिली हार से सबक लेते हुए भारतीय जनता पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है। वह इसके लिए केंद्र एवं यूपी मंत्रिमंडल में फेरबदल कर जातीय समीकरण को साधने के लिए तैयार दिखाई दे रही है। आरएसएस और भाजपा के रणनीतिकारों के बीच मंथन शुरु हो गया है। अब देखना यह है कि मोदी और योगी मंत्रिमंडल का कब विस्तार होता है।
राजनीति गलियारों में यह चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी के लिए यूपी को जीतना जरुरी है। यदि इस राज्य में पराजय का सामना करना पड़ गया तो मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जाएगा। पंचायत चुनाव में अपेक्षित परिणाम न आने से भी भाजपा के रणनीतिकारों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं।
चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों द्वारा कोरोना काल के दौरान किए गए कामकाज की समीक्षा होगी। फिट न बैठने वालों मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है। उनके स्थान पर मध्य प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल और यूपी के सांसदों को नए चेहरों के रुप में शामिल किया जा सकता है। दिल्ली सूत्रों की मानें तो फेरबदल की प्रक्रिया शुरु हो गई है। इसी श्रंखला में विधानसभा चुनाव 2022 से पहले योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा जोर पकड़ रही है। भाजपा यूपी में फिर वापसी की आस लगाए हैं, लेकिन परिस्थितियों के संकेतों से रणनीतिकारों को कुछ आशंका लग रही है। इसलिए वह फूंक-फूंककर कदम आगे बढ़ा रहे हैं।
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