यूनिक समय, लखनऊ /मथुरा। सरकार ने यूपी में कोरोना की दूसरी लहर से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण रोगियों को देखते हुए कक्षा एक से 12 तक सरकारी और निजी स्कूलों को 11 अप्रैल तक बंद करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार सुबह आयोजित टीम-11 की बैठक में पहली कक्षा से 12वींं तक के बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए स्कूलों को 11 अप्रैल तक बंद करने का निर्णय लिया गया।
वहीं उच्च शिक्षा के महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालयों को बंद करने के लिए कुलपति की संस्तुति पर जिलाधिकारी निर्णय लेंगे। यह जानकारी उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने दी। स्कूल बंद होने के दौरान टीचर्स का स्कूल जाना अनिवार्य होगा। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने बताया कि प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। इस आदेश के बाद अब छोटी क्लास के स्टूडेंट्स घर बैठकर ऑन लाइन पढ़ाई करेंगे। जैसे तैसे स्कूल खुले थे और स्टूडेंट्स ने स्कूल जाना शुरु किया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों का ग्रहण स्कूल पर दिखाई देने लगा।
हालांकि कई स्कूल संचालक सरकारी आदेश के खिलाफ हैं, लेकिन वह अपना मुंह खोल नहीं पा रहे हैं। पिछले साल कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद रहे और स्टूडें्ट्स घर पर रहे। पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हुई और अब फिर से वहीं स्थिति उत्पन्न होने जा रही है। टीचर्स ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्कूल बंद कर देने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। घर पर बच्चे पढ़ नहीं सकते हैं। ऑन लाइन पढ़ाई में कुछ समझ आता है तो कुछ समझ नहीं आ पाता है।
अब कोरोना संक्रमण काल से स्कूल ऐसे ही बंद होते रहे तो परीक्षाएं कैसी होंगी। यह प्रश्न हर किसी के दिमाग में कौंध रहा है। यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने दो दिन पहले यह माना था कि उत्तर प्रदेश कोविड-19 प्रभावित है। 30 जून तक महामारी एक्ट लागू रहेगा। इसी के तहत शासन ने पढ़ाई के लिए नई गाइड लाइन जारी करते हुए विश्वविद्यालय, महाविद्यालय एवं शिक्षण संस्थानों को शिक्षण कार्य ऑन लाइन कराने के निर्देश जारी किए हैं, लेकिन निर्धारित परीक्षाएं यथावत संचालित करने व प्रोटोकाल का पालन करके परीक्षाएं कराने, मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य, परीक्षा की हर पाली के बाद सेनेटाइजेशन के भी निर्देश दिए हैं।
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