
मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद रिक्त है, लेकिन अब जल्द ही इस पद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम का ऐलान होने वाला है। इसे लेकर पहले कई लोगों के नाम सामने आ चुके हैं, लेकिन अब सिंधिया का नाम लगभग तय हो ही गया है। कांग्रेस संगठन को मजबूत करने में जुटी है, कई फेरबदल भी किये जाने है, जो पीसीसी चीफ के फैसले के कारण अटके हुए हैं।
सिंधिया बनेंगे कांग्रेस अध्यक्ष
राजनीतिक गलियारों में पहले यह कहा जा रहा था कि सीएम कमलनाथ सिंधिया को प्रदेश की कमान नहीं सौंपना चाहते हैं। इसे लेकर सिंधिया समर्थकों और कमलनाथ समर्थकों में कई बार बहस भी हुई, लेकिन अब मामला उलट गया है। अब कमलनाथ के मंत्री ही यह मांग कर रहे हैं कि सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस का भार सौंप दिया जाए। मंत्रियों का कहना है कि अगर सिंधिया को कमान मिलती है तो संगठन मजबूत होगा और कार्यकर्ताओं में भी उत्साह बढ़ेगा। वही कांग्रेस के दिग्गज नेता भी इस सस्पेंस को खत्म कर जल्द फैसला करने की मांग कर रहे है। प्रदेश के पशुपालन मंत्री लखन सिंह का कहना है कि भले हम सरकार में हों, लेकिन संगठन कमजोर है। इसे मेहनत करके मजबूत करने की जरूरत है। जो भी अध्यक्ष बनेगा उसे मेहनत करना पड़ेगी। स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने सिंधिया की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें कभी भी पद की लालसा नहीं है और आला कमान से मिले निर्देश का पालन करने को वो तत्पर है।
सोनिया गांधी से मुलाक़ात
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाक़ात की। वहीं दीपक बाबरिया प्रदेश के चार दिनी प्रवास के बाद दिल्ली पहुंचे। इतना ही नहीं हाईकमान के निर्देश के बाद सिंधिया ने अपने कई दौरे निरस्त कर दिये हैं, जिसके बाद यह कहा जा रहा है कि जल्द ही मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में कई दिग्गज नेता सिंधिया के प्रदेश अध्यक्ष बनने के फैसले पर सहमत हैं। क्योंकि लंबे समय से सिंधिया को प्रदेश की सियासत से दूर रखा गया है।
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