बीजेपी सांसद संघमित्रा के चुनाव के विरुद्ध वाद बिंन्दु तय
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बदायूं की बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्या के चुनाव की वैधता की चुनौती याचिका पर तीन वाद बिन्दु तय किये हैं। वाद बिन्दु तय कर कोर्ट ने इन बिंन्दुओं पर मौर्या से जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 17 जून को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव व दिनेश कुमार की चुनाव याचिका पर दिया है। कोर्ट इन वाद विन्दुओं पर सुनवाई करेगी कि क्या मौर्या का नामांकन गलत तरीके से निर्वाचन अधिकारी ने स्वीकार किया है। क्या दिनेश कुमार का नामांकन गलत तरीके से निरस्त किया गया है। क्या डाले गए मतों से अधिक मतों की गणना की गयी है, जिससे चुनाव प्रभावित हो सकता है। और क्या चुनाव शून्य और रद्द होने योग्य है। अगली सुनवाई 17 जून को होगी।
महाधिवक्ता आफिस में मैनुअली रिसीव होंगे याचिकाओं की नोटिस
इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए अब राज्य सरकार के महाधिवक्ता आफिस में नोटिस मैनुअली रिसीव किए जाएंगे। शासकीय अधिवक्ता शिवकुमार पाल के अनुसार हाईकोर्ट में मुकदमा दाखिल करने के लिए राज्य सरकार को दिए जाने वाले सभी प्रकार के नोटिस अम्बेडकर भवन स्थित महाधिवक्ता कार्यालय में बने नोटिस काउंटर पर मैनुअली दिए जा सकते हैं। कोविड-19 संक्रमण के कारण लॉक डाउन के दौरान ये नोटिस ई-मेल से दिए जा रहे थे। जिससे वकीलों को समय से नोटिस न मिलने से परेशानी हो रही थी। शासकीय अधिवक्ता शिवकुमार पाल ने हाईकोर्ट बार व एडवोकेट्स एसोसिएशन को पत्र भेजकर वकीलों को इस सुविधा की जानकारी मुहैया कराने का आग्रह किया है ताकि उन्हें नोटिस नम्बर मिलने में सहूलियत होने लगे। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव जेबी सिंह ने वकीलों से इस सुविधा का उपयोग करने की अपील की है।
दो साल तक सोशल मीडिया के इस्तेमाल करने पर कोर्ट ने लगायी रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोली माने की पोस्ट डालने वाले नालंदा बिहार में तैनात पुलिस कांसटेबल की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। कोर्ट ने उसे मुकदमे का फैसला होने या दो साल तक सोसल मीडिया का प्रयोग करने पर रोक लगा दी है। और कहा है कि जमानत पर रिहा होने के दौरान वह विचारण मे सहयोग करेगा,साक्ष्य से छेडछाड नही करेगा,गवाहों पर दबाव नही डालेगा,आपराधिक गतिविधियों में लिप्त नही होगा।कोर्ट ने कहा है कि यदि शर्तों का उल्लंघन होता है तो उसके जमानत निरस्त करने का आधार होगा।
69 हजार टीचरों की भर्ती में ऑनलाइन आवेदन की गलती सुधारने की मांग अस्वीकार
हाईकोर्ट ने 69 हजार अध्यापकों की भर्ती में ऑनलाइन फार्म भरने में हुई गलती को मानवीय भूल व कम्प्यूटर आपरेटर की गलती मानने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने गलती को सुधारने की अनुमति की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि यदि ऐसी गलतियों को सुधारने की अनुमति दी गयी तो इसका दुरुपयोग किया जायेगा। अभ्यर्थी गलती का लाभ उठायेंगे और पकड़े जाने पर मानवीय भूल कहकर गलती से पल्ला झाड़ लेंगे। कोर्ट ने कहा कि जिसने गलती की है उसे उसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने आशुतोष कुमार श्रीवास्तव व 60 अन्य की याचिका पर दिया है।
7723 मामले पेश, 2255 निस्तारित
इलाहाबाद हाईकोर्ट के निबंधक शिष्टाचार आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के 63 जिला अदालतों में 3 जून को 7723 मामले सुनवाई के लिए पेश हुए जिसमें से 2255 मामले निस्तारित किये गये हैं। कोर्ट में 2564 रिमान्ड आदि मामलों की सुनवाई वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से की गयी।
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