ऐसा मंदिर जहां अंडे फेंककर मनोकामना मांगते हैं श्रद्घालु,

यूपी के फिरोजाबाद जिले में एक ऐसा मंदिर भी है जहां पर लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मंदिर की दीवार पर अंडे मारते हैं। मान्यता है कि वैशाख माह में तीन दिन के लिये मेले का आयोजन किया जाता है और आने वाले भक्त हाथों में अंडे लेकर मंदिर के अंदर बनी दीवार और बाबा की मूर्ति पर अंडों को फेंकते हैं।

ये मंदिर स्थापित है फिरोजाबाद के बिलौना गांव में। हजारों की संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे इस मेले में पहुंचते हैं। खास बात ये है कि यहां बने बाबा नगर सेन के मंदिर में महिलाएं अपने हाथों में हलवा पूरी तथा मुर्गी के अंडे लेकर नगर सेन की मूर्ति पर फेंकते हैं। जो श्रद्घालु मूर्ति तक अंडे नहीं फेंक पाते वह मंदिर की दीवारों पर ही अंडे मारते हैं।

श्रद्धालुओं की मान्यता है वह अपनी मनोकामना पूरी करने के उद्देश्य से वैशाख के महीने में लगने वाले तीन दिन के इस मेले में आते हैं। यहां की परंपरा है कि मनोकामना पूर्ण होने से पूर्व मंदिर में अंडे फेंके जाते हैं और मनोकामना पूर्ण हो जाने के बाद एक बार यहां श्रद्धालु जरूर आते हैं और वह फिर अंडे फेंकते हैं।

भक्तों की मानें तो उनका कहना है कि जिनके बच्चे बीमार होते हैं और जिनके बच्चे नहीं होते वह यहां आकर अंडों को मंदिर पर फेंककर मारते हैं। जिससे उनकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है इस मेले में काफी दूर-दूर से लोग आते हैं। श्रद्धालु महिला रेखा ने बताया कि यह नगरसेन बाबा का मंदिर है इसकी बहुत मान्यता है। जो चीज मांगते हैं वह मिलती है। बच्चों को कोई बीमारी है तो बच्चों के बारे में ज्यादा पूजा होती है। उनकी पैदाइश यहां की है और वह लगातार यहां पर आती हैं।

महिला श्रद्घालु गायत्री देवी ने बताया कि हम कई सालों से आ रहे हैं। जो बच्चे परेशान हो जाते हैं वे ठीक हो जाते हैं। बच्चों की वजह से ही मेला लगता है। बाबा अंडे से ही प्रसन्न होते हैं। इस मंदिर पर अंडा, नारियल, पूरी हलवा सब चढ़ाते हैं। इससे बच्चे ठीक हो जाते हैं और मनोकामना पूरी होती है। मेला आयोजक हरि बाबू ने बताया कि मेले में बाबा नगर सेन की पूजा होती है। छोटे-छोटे बच्चे हैं महिलाएं हैं अपनी मन्नत मांगती हैं। यह प्रथा बरसों से चली आ रही है। लड्डू, अंडों के साथ-साथ नारियल भी चढ़ाया जाता है। बाबा नगर सेन के साथ में जो सैयद बाबा रहते हैं उस पर भी अंडा चढ़ाया जाता है। अंडा उन्हीं पर चढ़ाया जाता है जो इनके साथ सैयद रहते हैं। मंदिर पुजारी विनोद कुमार ने बताया कि शनिवार को दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। वैशाख के महीने में यहां मेले का आयोजन होता है। वहां के लोगों की मान्यता के आधार पर ये खबर है, अमर उजाला कभी भी अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है।

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