मुरादाबाद पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले सात लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि आरोपी ठगी करने के बाद हवाई यात्रा करते थे। इस सरगना लखनऊ निवासी है। जिसकी तलाश की जा रही है।
साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने छत्तीसगढ़ प्रांत के दुर्ग और भिलाई जिले के सात युवकों को गिरफ्तार कर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। आरोपियों के पास से पुलिस ने दो फर्जी बैंक किट, एटीएम, चेक, पांच मोबाइल से, तीन लैपटॉप आदि बरामद किया है।
आरोपियों ने रामपुर के रहने वाले व्यापारी की बेटी से 15 लाख 26 हजार 212 रुपये ठग लिए थे। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह अभी तक 21 करोड़ की ठगी कर चुका है। पुलिस इस मामले में लखनऊ के एक आरोपी की तलाश कर रही है। एसपी साइबर क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार के मुताबिक रामपुर जिले के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के नैनीताल रोड निवासी व्यापारी की बेटी चेतना गुप्ता ने 18 दिसंबर 2023 को ऑनलाइन ठगी का केस दर्ज कराया था। बताया था कि टेलीग्राम एप के माध्यम से उनके साथ 15 लाख 26 हजार 212 रुपये की ठगी हुई है।
रिपोर्ट दर्ज करने के बाद एसएचओ धर्मेंद्र सिंह की टीम ने तकनीकी संसाधनों की मदद से जांच पड़ताल शुरू की तो कुछ आरोपियों के नाम सामने आए। इसी आधार पर पुलिस टीम ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के वैशाली नगर थाना के वृंदानगर निवासी सूरज कुमार वर्मा, रामनगर निवासी जयशंकर राव व पंकज साहू, छत्तीसगढ़ के ही भिलाई जिले के न्यू खुर्शीपास निवासी अंकित चौधरी, भूपेंद्र सिंह चौहान, न्यू संतोषी पार्क कैंप-2 निवासी पवन कुमार यादव और संगम चौक निवासी जयकुमार विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया।
आरोपियों के पास से युवती से ठगी करने में प्रयुक्त मोबाइल फोन, तीन लैपटॉप, दो फर्जी इंडस इंड बैंक का किट, जिसमें एटीएम, चेक बुक शामिल है। आरोपियों के पास से पांच मोबाइल फोन और 15650 रुपये बरामद किया गया। पुलिस की पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे गिरोह बनाकर लोगों को जाल में फंसाते हैं। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अभी तक करीब 21 करोड़ रुपये की ठगी करने की घटना को स्वीकार किया है। बताया कि वे ठगी के पैसे से हवाई जहाज से यात्रा करते थे। साइबर थाने के प्रभारी धर्मेंद्र सिंह के अनुसार आरोपी सूरज कुमार वर्मा ने बताया कि उसका एक साथी धीरज राठौर लखनऊ का रहने वाला है।
वही इस गिरोह का सरगना है। आरोपी सूरज कुमार वर्मा, धीरज राठौर के साथ पहले गुरुग्राम सेक्टर 57 में रहकर महादेव बैटिंग ऐप पर आईडी बनाकर विभिन्न खेलों में सट्टा लगाकर ऑनलाइन ठगी करते थे। पुलिस के छापे पड़ने लगे तो सभी वहां से भाग कर छत्तीसगढ़ में छिप गए थे। इसके बाद आरोपी धीरज ने सूरज से ऐसे कॉरपोरेट अकाउंट की डिमांड की। जिसमें एक दिन में 5 करोड़ तक की लेनदेन होती है। सूरज के अलावा आरोपी धीरज राठौर ने अन्य आरोपियों को भी अपने साथ काम करने के लिए राजी किया था। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि धीरज ही उनके लिए हवाई जहाज से आने-जाने और अलग-अलग जगह रुकने की व्यवस्था करता था। पुलिस के अनुसार यह गिरोह पूरे देश में घूम-घूम कर अलग-अलग शहर में कुछ समय रुकता है और वहां कमरे में बैठे-बैठे या एकांत स्थान से लोगों को अपना शिकार बनाता है।
एक जगह से धन बटोरने के बाद आरोपी ठिकाना बदल लेते थे। आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि अब तक साइबर फ्रॉड और महादेव बैटिंग एप के जरिये करीब 21 करोड़ रुपये लोगों से ठग चुके हैं। इससे अपने महंगे शौक पूरा करते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि अधिकांश आरोपी 10वीं या 12वीं तक की ही पढ़ाई किए हैं। आरोपियों में से भूपेंद्र सिंह चौहान ऐसा है जिसने पॉलिटेक्निक और पवन कुमार यादव ने बीकॉम किया है।
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