यूपी द्वारा लगातार की जाने वाली शर्मनाक और निंदनीय घटनाएं सामने आ रही है। इसी कड़ी में कानपुर पुलिस ने एक ऐसा कारनामा किया है। जिसे सुन कर आपके होश उड़ जाएंगे। सीसामऊ पुलिस किराएदारों से मकान खाली करवाने पहुंची थी। वहां पर रह रहे लोगों का आरोप है कि पुलिस ने न कोर्ट, न कचहरी का फैसला बल्कि मौके पर रह रहे किराएदारों पर थर्ड डिग्री टॉर्चर करना शुरूकर दिया। पुलिस ने महिला, पुरुष और बच्चों के साथ मारपीट करनी शुरूकर दी।
यहां तक पुलिस ने यह भी नहीं दखा कि जिन्हें वह इतनी बेरहमी से मार रही है उनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल हैं। पुलिस की इस दरिंदगी को 7 साल का मासूम जिस तरह से बयां कर रहा था। उसे सुनकर यकीन करना मुस्किल हो जाता है। जनता की सेवा की शपथ लेने वाली पुलिस का इतना क्रूर चेहरा भी देखा गया है। मासूम बच्चे ने बताया कि पुलिस ने न सिर्फ सबके साथ मारपीट की बल्कि घर के लोगों को पेशाब पिलाने की भी घिनौनी हरकत की बात कही गई है।
किराएदारों ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें मकान खाली करने का कोई नोटिस नहीं मिला है। कोर्ट या पुलिस के द्वारा भी किराएदारों को कोई नोटिस नहीं दिया गया। जब पुलिस उनसे मकान खाली करवाने आई तो किराएदारों ने पुलिस से दो दिन का समय मांगा। लेकिन भला पुलिस वर्दी का रौब दिखाने से कैसे पीछे हटती। वर्दी का खौफ दिखाकर महिलाओं और बच्चों को प्रताड़ित करने लगे। जब घटना की जानकारी बीजेपी कार्यकर्ताओं को हुई तो उन्होंने थाने का घेराव करते हुए करीब 4 घंटे तक जमकर नारेबाजी की।
इस घटना और बीजेपी कार्यकर्ताओं के आक्रोश और नारेबाजी को देखते हुए आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए खानापूर्ति करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। डीसीपी पश्चिम विजय ढुल के अनुसार, मामले की जांच की जा रही है। साथ ही आरोपित पुलिसकर्मियों को भी लाइन हाजिर किया गया है। इस तरह के आरोप लगने के कारण पुलिस एक बार फिर शर्मशार हुई है। पुलिस कमिश्नरेट बनाए जाने के बाद भी पुलिस की हरकतों में सुधार होता नहीं नजर आ रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि विभाग आरोपी पुलिसकर्मियों कार्रवाई करती है या नहीं।
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