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नई दिल्ली। राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री और दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित का शनिवार को निधन हो गया. वह 81 साल की थीं. वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं और उनका एस्कॉर्ट हॉस्पिटल की देखरेख में इलाज चल रहा था. आज तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें एक्सकॉर्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां दोपहर 3.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस लीं. दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.
शीला दीक्षित दिसंबर 1998 से दिसंबर 2013 तक दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी थीं. मुख्यमंत्री रहने के बाद शीला दीक्षित केरल की राज्यपाल भी थीं. वर्तमान में वे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष थीं. शीला दीक्षित वर्ष 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सांसद रहीं. बतौर सांसद वह लोकसभा की एस्टिमेट्स कमिटी का हिस्सा भी रहीं. राजीव गांधी के कार्यकाल में शीला दीक्षित केंद्रीय मंत्री रहीं. शीला दीक्षित ने दिल्ली में फ्लाईओवर, सीएनजी और मेट्रो समेत कई ऐसे काम किए हैं, जिसे लेकर उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.
मुख्यमंत्री बनकर क्या किया?
जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने शीला दीक्षित को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया. शीला को पहले संसदीय कार्य मंत्री के रूप में और बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री के रूप में शामिल किया गया. उसके बाद सोनिया गांधी ने उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया. उन्होंने कांग्रेस को तीन को दिल्ली की कमान दिलाई.
दिल्ली के पहले फ्लाईओवर का आधार, मेट्रो, सीएनजी और दिल्ली की हरियाली शीला दीक्षित की ही देन है. इसके साथ ही उन्होंने कुछ ऐसे भी काम किए जिसने लोगों की निजी जिंदगी पर गहरा असर डाला. उन्होंने लड़कियों को स्कूल में लाने के लिए पहली बार ‘सेनेटरी नैपकिन’ बंटवाया था. इसके साथ ही कई विश्वविद्यालय और दिल्ली में ट्रिपिल आईआईटी खोलने का श्रेय भी शीला दीक्षित को ही जाता है.
निजी जीवन
– 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में जन्म.
– दिल्ली के कान्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से शुरुआती शिक्षा ली.
– मिरांडा हाउस से स्नातक और कला स्नातकोत्तर की शिक्षा ली.
– पति स्वर्गीय विनोद दीक्षित भारतीय प्रशासनिक सेवा के सदस्य रहे.
सियासी सफर
1984 में यूपी के कन्नौज से पहली बार सांसद बनीं. 1984 से 1989 तक केन्द्रीय मंत्री भी रहीं. 1998 में पार्टी ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया. इस वर्ष विस चुनावों में कांग्रेस को भारी सफलता मिली. 1998 से लेकर 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. कुशल प्रशासक के तौर पर अपूर्व छाप छोड़ी. 11 मार्च 2014 को केरल की राज्यपाल नियुक्त. हालांकि, अगस्त 2014 में ही इस्तीफा दिया. 2019 में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त, उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से पार्टी की उम्मीदवार.
1984 में यूपी के कन्नौज से पहली बार सांसद बनीं. 1984 से 1989 तक केन्द्रीय मंत्री भी रहीं. शीला दीक्षित को 1998 में पार्टी ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया. इस वर्ष विस चुनावों में कांग्रेस को भारी सफलता मिली. शीला दीक्षित 1998 से लेकर 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. इस दौरान उनकी छवि कुशल प्रशास की रही. 11 मार्च 2014 को केरल की राज्यपाल नियुक्त की गईं. हालांकि, अगस्त 2014 में ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. 2019 में फिर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त की गईं और लोकसभा चुनाव में उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार रहीं. हालांकि चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
सोशल प्रोफाइल
83,600 फॉलोअर्स ट्विटर पर
2013 से ट्विटर पर सक्रिय
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