महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना दोनों अपनी-अपनी जिद पर अड़ी है। शिवसेना 50-50 की मांग कर रही है, वहीं भाजपा अपनी ही पार्टी का मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। अब शिवसेना ने भाजपा को ललकारा है कि भारतीय जनता पार्टी में दम है तो वह महाराष्ट्र में सरकार बना कर दिखाए। भाजपा को चुनाव में 105 सीटें हासिल हुई है वहीं इसी के साथ 17 निर्दलीय ने बीजेपी को समर्थन दिया, जिसके बाद आंकड़ा 122 पहुँच गया, लेकिन फिर भी बीजेपी 146 के आंकड़े तक नहीं पहुँच पाई है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने बयान दिया था कि भारतीय जनता पार्टी को 50-50 फॉर्मूले का वादा निभाना चाहिए और गठबंधन धर्म निभाना चाहिए। इसी दौरान संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना के पास कई विकल्प हैं, लेकिन हम उनपर विचार नहीं करना चाहते हैं। इसके पहले बीजेपी के सांसद संजय काकडे ने कहा था कि शिवसेना के करीब 45 सांसद बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें अपने फैसले पर सोचना चाहिए। शिवसेना के मंत्रियों को सरकार में रहने की आदत हो गई है।
एनडीए को नहीं भाया शिवसेना का फॉर्मूला 50-50
शिवसेना का 50-50 फॉर्मूला एनडीए के नेताओं को नहीं भा रहा है। रिपबल्किन पार्टी ऑफ इंडिया के चीफ रामदास अठावले ने शिवसेना पर तंज़ कसते हुए कहा कि बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को साफतौर पर बहुमत मिला है। बुधवार को देवेन्द्र फडणवीस विधायक दल का नेता चुने गए हैं। हमने सिर्फ उनके ही नाम का समर्थन किया है क्योंकि वे ही सिर्फ हमारी तरफ से रनर हैं। वे चाहते हैं कि पांच साल तक के लिए सिर्फ एक ही मुख्यमंत्री बनाया जाए। शिवसेना नया फॉर्मूला लेकर आई है, जो बिलकुल सही नहीं है। हम भाजपा के साथ ही सरकार बनाना चाहते हैं, शिवसेना को समर्थन नहीं दिया जाएगा।
Leave a Reply