नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment) पर पूर्वोत्तर में जारी हिंसक विरोध।प्रदर्शन के बीच बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पूर्वोत्तर में बीजेपी की प्रमुख सहयोगियों में से एक असम गण परिषद ने पहले कानून का समर्थन किया था। लेकिन अब इसके विरोध का ऐलान किया है। असम गण परिषद ने वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक के बाद यह फैसला लिया है। वहीं।
असम गण परिषद ने यह भी कहा है कि वो नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। इस मुद्दे पर असम गण परिषद का एक दल प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भी मिलेगा। बता दें कि एजीपी बीजेपी की अगुवाई वाली असम सरकार का भी हिस्सा है और राज्य की कैबिनेट में उसके तीन मंत्री भी हैं।
आपको बता दें कि असम गण परिषद ने संसद में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया था। इसके बाद पार्टी में दो फाड़ की खबरें आईं। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा दे दिय़ा। आपको बता दें कि ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन ।आसू। ने भी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। आसू के प्रमुख सलाहकार समज्जुल भट्टाचार्य ने असम के लोगों से कथित ‘‘विश्वासघात। करने के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं की निंदा की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
नागरिकता क़ानून को लेकर सबसे ज़्यादा और हिंसक प्रदर्शन देश के पूर्वोत्तर राज्यों में हो रहे हैं। हालांकि बीते दो दिन से यहां हालात बेहतर हो रहे हैं। छिटपुट घटनाओं के अलावा गुवाहाटी। डिब्रूगढ़। शिलांग समेत दूसरे संवेदनशील इलाकों में शांति हैं। गुवाहाटी और शिलांग में आज क़र्फ़्यू में फिर ढील जा रही है। इससे पहले कल दोनों जगहों पर परसों रात की शांति के मद्देनज़र दिन में क़र्फ़्यू में ढील दी गई थी। डिब्रूगढ़ में आज सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक क़र्फ़्यू में ढील दी गई है।
तीन दिन पहले गुवाहाटी में हिंसा में बड़े पैमाने पर आगज़नी हुई और सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचा गया। जिसके बाद पुलिस की गोली से दो युवकों की मौत भी हुई।
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