भाजपा को चुनाव से पहले झटका, इन नेताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ, भाजपा पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

अलवर. प्रदेश में निकाय चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किए जा रहे हैं। चुनाव के लिए दोनों पार्टियां कमर कस चुकी हैं। लेकिन चुनाव से ठीक पहले भाजपा के लिए बुरी खबर सामने आई है। भाजपा के नगर परिषद उप सभापति अपने दो पार्षदों सहित भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। नगर परिषद भिवाड़ी के उप सभापति बलजीत दायमा ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ पार्षद प्रीतम दायमा और पार्षद हवासिंह भी कांग्रेस में शामिल हो गए।
भिवाड़ी नगर परिषद उपसभापति ने इस्तीफा देने के बाद नगर परिषद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भिवाड़ी नगर परिषद में सरकारी सेवाओं का फर्जी तरीके से उपयोग किया गया, जिससे राजकोष को काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने स्पेशल ऑडिट की मांग की है।

वहीं भिवाड़ी नगर परिषद के सभापति संदीप दायमा ने इन आरोपों बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि सरकारी फाइलें उनके पास सीधे नहीं आती। यह फाइलें सरकारी अधिकारियों के माध्यम से आती है। उन्होंने उप सभापति के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि नगर परिषद में भ्रष्टाचार कांग्रेस में शामिल होने के बाद ही क्यों नजर आया? अगर भ्रष्टाचार पहले से चल रहा है तो वो पहले भी इसे सामने ला सकते थे।

उप सभापति ने लगाए थे यह आरोप

उप सभापति बलजीत सिंह दायमा ने कहा कि नगर परिषद में पांच वर्ष तक खुला भ्रष्टाचार चला। जिसकी भाजपा शासन में ही डीएलबी से लेकर पीएमओ तक बार-बार शिकायत की गई, लेकिन हर जगह शिकायतों को दबा दिया गया।
उन्होंने कहा कि भाजपा के इस कार्यकाल के दौरान वसूली और उगाही के खेल चले, भिवाड़ी के विकास की कोई परवाह नहीं की गई। भाजपा राज बदलने पर सुनवाई के बाद हो रही जांच में इनके कच्चे चि_े खुलकर सामने आ रहे हैं और इनके खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी है। नगर परिषद से भ्रष्ट कर्मियों का स्थानांतरण होने के बाद भी उनसे काम लेकर लीपा पोती की गई। लेकिन डीएलबी की ऑडिट में इन अनियमितताओं की पोल खुल गई।

मोहनराम बाबा के पवित्र स्थल पर सफाई के नाम पर एक माह में ही इन्होंने 21 लाख रुपए खर्चा दिखाया, जबकि ऐसा हुआ नहीं। वहीं लाखों की लागत के 220 डस्टबिन कागजों में खरीद कर भुगतान कर दिया गया। उनकी परिषद में कहीं आमद-सुपुर्दगी नहीं दिखाई गई। इसके अलावा परिषद की कैश बुक ही गायब कर दी गई, ताकि आर्थिक अनियमितताओं पर पर्दा डाला जा सके।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*