हैमिल्टन. कोई टीम अगर 347 रन बनाए और फिर भी विरोधी टीम जीत जाए तो इससे ज्यादा शर्म की बात किसी भी टीम के लिए नहीं हो सकती है. हैमिल्टन वनडे में टीम इंडिया के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. हैमिल्टन के सेडन पार्क में भारत ने न्यूजीलैंड से पहला वनडे मैच गंवा दिया. भारत ने 50 ओवरों में 347 रनों का विशाल स्कोर बनाया था, लेकिन इसके बावजूद मेजबान टीम ने इस पहाड़ से लक्ष्य को आसानी से पूरा कर लिया.
बेहद खराब गेंदबाजी: कोई भी टीम अगर 347 रन बनाने के बावजूद हार जाए तो उसके गेंदबाजों पर सवाल उठने लाजमी हैं. टीम इंडिया के गेंदबाजों ने हैमिल्टन में बेहद ही खराब लाइन और लेंग्थ से गेंदबाजी की जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा. मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, शार्दुल ठाकुर, कुलदीप यादव जैसे गेंदबाजों की धुनाई कीवी बल्लेबाजों ने जबर्दस्त अंदाज में की. शार्दुल ने 80 रन दे दिये और कुलदीप यादव ने 84 रन लुटाए. यही नहीं भारतीय गेंदबाजों ने हैमिल्टन में 24 वाइड गेंद फेंकी, जो कि पिछले 7 सालों में उसका सबसे घटिया प्रदर्शन है. भारत ने 7 साल पहले साउथ अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में 20 से ज्यादा वाइड गेंद फेंकी थीं.
घटिया फील्डिंग: भारतीय टीम ने हैमिल्टन वनडे में एक बार फिर साबित कर दिया कि उसकी फील्डिंग का स्तर लगातार गिर रहा है. खराब फील्डिंग का खामियाजा टीम इंडिया को हार से चुकाना पड़ा. भारत की मैदानी फील्डिंग बेहद खराब रही, खासकर मोहम्मद शमी और कुलदीप यादव की. कुलदीप यादव ने तो जडेजा की गेंद पर रॉस टेलर (Ross Taylor) का आसान कैच टपका दिया. 23वें ओवर में जडेजा की तीसरी गेंद पर कुलदीप यादव ने बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर रॉस टेलर को जीवनदान दिया. जब रॉस टेलर का कैच छूटा तो वो महज 59 रन पर थे. इसके बाद टेलर ने भारतीय गेंदबाजों की धुनाई करते हुए सिर्फ 73 गेंदों में शतक ठोक दिया. यही नहीं उन्होंने टॉम लैथम के साथ चौथे विकेट के लिए 138 रनों की साझेदारी भी कर दी, जिसने भारतीय टीम की हार की स्क्रिप्ट लिख दी.
खराब टीम सेलेक्शन: विराट कोहली और टीम इंडिया मैनेजमेंट की रणनीति भी इस हार की बड़ी वजह रही. भारतीय टीम ने नवदीप सैनी के होने के बावजूद शार्दुल ठाकुर को हैमिल्टन में मौका दिया. शार्दुल ठाकुर को मौका देने के पीछे ये सोच है कि वो अच्छी बल्लेबाजी कर लेते हैं. बस यही सोच टीम इंडिया को ले डूबी. न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी दो टी20 सीरीज में जिस तरह की गेंदबाजी नवदीप सैनी ने की, उन्हें मौका मिलना चाहिए था. शायद विराट कोहली को अपने बल्लेबाजों पर भरोसा नहीं इसलिए वो 8वें नंबर पर भी किसी ऐसे गेंदबाज को ढूंढते हैं जो बल्लेबाजी कर सकता हो.
टॉस हारना: विराट कोहली ने हैमिल्टन वनडे में सिक्के की बाजी गंवायी, इसलिए भी टीम इंडिया को नुकसान झेलना पड़ा. दरअसल सेडन पार्क की पिच बाद में बल्लेबाजी के लिए काफी आसान हो गई, इसलिए कीवी टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी.
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