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किसान सम्मान निधि योजना की धनराशि किसानों के खाते में आई और वापस भी हो गई। इस तरह के अब तक करीब दो हजार मामले सामने आ चुके हैं। बैंक और कृषि विभाग के अधिकारी भी हतप्रभ हैं कि ऐसा कैसे हुआ। लगातार शिकायतें आ रही हैं। धनराशि कहां गई और ऐसा क्यों हुआ? इस संबंध में कोई कुछ नहीं बता पा रहा। सीडीओ एवं प्रभारी डीएम अर्चना वर्मा ने बताया कि इस संबंध में शासन को पत्र भेजा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिम बजट में किसान सम्मान निधि की घोषणा की थी। इसके तहत दो हेक्टेयर तक भूमि वाले किसानों को प्रत्येक वर्ष छह-छह हजार रुपये उनके बैंक खातों दिए जाते हैं। आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले आनन-फानन में इस योजना को लागू किया गया था।
किसानों का चयन कर सूची ऑनलाइन फीड की गई और भारत सरकार से ही सीधे पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) से किसानों के खातों में दो-दो हजार की धनराशि भेजी गई। जनपद से योजना के तहत दो लाख 20 हजार किसानों का डाटा फीड हुआ था। इसमें से एक लाख तीन हजार किसानों के खातों में फरवरी माह और अप्रैल माह में दो-दो हजार रुपये भेजे गए।
इनमें से बहुत से किसान ऐसे हैं जिनके खातों में धनराशि आई तो, लेकिन फिर वापस हो गई। किसानों ने पासबुक में एंट्री भी करा रखी है। ग्राम अलीपुरा के भूपेंद्र और ब्रजपाल ने बताया कि उनके एसबीआई के खाते में दो हजार रुपये आए थे। मगर, जब उन्होंने निकालने चाहे तो बैंक कर्मियों ने बताया कि खाते में रुपये नहीं हैं।
पता करने पर बताया गया कि धनराशि वापस हो गई है। पीनना के महेश कुमार, राजपाल सिंह, तितावी के विनोद और मंसूर के खातों से रुपये वापस हुए हैं। कृषि विभाग में इस तरह की लगभग दो हजार शिकायतें आई हैं।
किसानों के खाते में आए थे 41 करोड़
किसान सम्मान निधि के तहत जिले में दो लाख 20 हजार किसानों का डाटा भारत सरकार को भेजा गया था। इनमें से एक लाख तीन हजार किसानों के खातों में दो-दो हजार रुपये की दो किश्तों में 41 करोड़ 20 लाख रुपये भेजे गए। किसानों के खातों में रुपये भेजे जाने के बाद से ही वापस होने की शिकायतें मिलने लगी थीं।
किसने क्या कहा
-किसानों के खातों से रुपये वापस हुए हैं। किसान लगातार इस तरह की शिकायतें कर रहे हैं। अगली बार होने वाले किसान दिवस में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया जाएगा।
– राजू अहलावत, जिलाध्यक्ष, भाकियू
-राशि वापस होने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। ऐसा क्यों हुआ? इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। राशि सीधे दिल्ली से किसानों के खातों में भेजी गई थी। जिला स्तर पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि यहां देखकर कुछ बताया जा सके।
– नरेंद्र कुमार, उप निदेशक कृषि
-मेरे पास इस तरह की शिकायत नहीं आई है। यदि मेरे पास इस तरह का कोई मामला आता है तो उसकी जांच कराई जाएगी। पता लगाया जाएगा कि किसानों के खातों से रुपये कहां गए।
– अमित बुंदेला, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक
किसान सम्मान निधि की धनराशि खाते में आते ही वापस होने की शिकायतें आने लगी थी। यह कोई तकनीकी खामी है। इस संबंध में शासन को पत्र लिखा जा चुका है।
– अर्चना वर्मा, प्रभारी डीएम
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