यूनिक समय ,नई दिल्ली। अमेरिका (America) के कैलिफोर्निया (California) के स्टॉकटन में हाल ही में हुए शूटआउट ने भारत के कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग (Lawrence Bishnoi Gang) को अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया है। इस वारदात में सुनील यादव उर्फ गोली की हत्या कर दी गई। जिसे ड्रग्स कारोबार और मुखबिरी के कारण निशाना बनाया गया। बताते चलें यादव पर भारत में 300 किलो ड्रग्स के कन्साइनमेंट से जुड़े होने का आरोप था।
घटना के बाद गैंग के सक्रिय सदस्य रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘राम-राम जय श्री राम सभी भाइयों को।।। मैं रोहित गोदारा गोल्डी बराड़।।। भाइयों जो आज कैलिफोर्निया स्टॉकटन मैं मकान नंबर 6706 माउंट एलबर्स व्हाई अमेरिका सुनील यादव उर्फ गोलिया विराम खेड़ा अबोहर की हत्या हुई है, उसकी सम्पूर्ण जिमेवारी हम लेते हैं। उसने आगे लिखा है कि , इसने पंजाब पुलिस के साथ मिलकर हमारे सबसे प्यारे भाई अंकित भादू का एनकाउंटर करवाया था, जिसका बदला हमने लिया है।।। और जो भी लोग इसमें शामिल हैं, चाहे कोई भी हो।।। सबका हिसाब होगा। गोदारा ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि गैंग के दुश्मनों को किसी भी कोने में ढूंढकर मारा जाएगा।
सुनील यादव पहले लॉरेंस गैंग का ही सदस्य था, लेकिन बाद में उसने गैंग के खिलाफ मुखबिरी शुरू कर दी। वह ड्रग्स माफिया के रूप में इंटरनेशनल लेवल पर सक्रिय था। राजस्थान पुलिस ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। यादव दो साल पहले फर्जी पासपोर्ट बनवाकर अमेरिका भागा था, जहां वह पुलिस की मदद से सुरक्षित रहने की कोशिश कर रहा था।
इस मामले ने भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रग्स नेटवर्क की गहराई को उजागर किया है। यादव जैसे माफिया न केवल नशे का कारोबार चलाते हैं बल्कि अपनी जान बचाने के लिए पुलिस और गैंगों के बीच खेल खेलते हैं। लॉरेंस बिश्नोई गैंग और गोल्डी बराड़ का यह मामला भारत और अमेरिका में अपराधियों की बढ़ती गतिविधियों की ओर इशारा करता है। यह घटना दिखाती है कि किस तरह गैंगवार और ड्रग्स कारोबार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराध की नई चुनौतियां पैदा कर दी हैं।
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