वर्ष 2005 में अमृतसर से भटक कर पाकिस्तान सीमा में चला गया था, पाकिस्तान पुलिस ने पकड़ कर लाहौर सेंट्रल जेल में कर दिया था बंद
24 अक्टूबर को रिहा होकर प्रतापगंज के भवानीपुर दक्षिण पहुंचा अपने घर, दीपावली के दिन घरवालों की खुशियां हुईं दोगुनी, आंखों से छलके आंसू
17 सालों से पाकिस्तान के जेल में कैद भवानीपुर दक्षिण पंचायत के वार्ड 3 निवासी श्याम सुन्दर दास 24 अक्टूबर को रिहा होकर अपने घर पहुंचा। 17 सालों से श्याम सुंदर के इंतजार में परिजनों की पथराई आंखों में खुशी के आंसू तब छलक पड़े जब प्रतापगंज पुलिस ने उनके खोये बेटे को दीपावली के दिन उसके पिता को सौंपा। बेटे को देखते ही परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
भगवान दास का पुत्र श्याम सुंदर दास रोजी रोटी के लिए साल 2005 में अपने कुछ साथियों के साथ पंजाब गया था लेकिन वह पांच अन्य साथियों के साथ भटकते हुए अमृतसर से सीमा लांघ कर पाकिस्तान पहुंच गया। पाकिस्तान में बगैर किसी कागजातों के पकड़े जाने पर पाकिस्तान पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में रख दिया। हालांकि उसके साथ पकड़े गये पांच साथियों को पूछताछ और अन्य साक्ष्यों के आघार पर छह महीने के बाद पाकिस्तान पुलिस ने रिहा कर भारत भेज दिया था। श्यामसुंदर की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने पर वह सही बातों की जानकारी नहीं दे सका। इस वजह से उसे पाकिस्तान की जेल में 17 सालों काटना पड़ा। पाकिस्तान एम्बेसी ने कई बार इंडियन एम्बेसी से भी श्याम सुंदर के भारतीय होने के सबूत की मांग की लेकिन उसका सही ठिकाने की जानकारी नहीं मिली।
साल 2021 में परिजनों को मिली जेल में होने की खबर: पिता भगवान दास ने बताया कि साल 2021 में परिजनों को श्याम सुंदर के पाकिस्तान जेल में होने की खबर लगी। तब से परिजन प्रतापगंज थाना से संपर्क कर श्याम सुन्दर के पाकिस्तान से लाने के लिए मदद करने की गुहार लगाते रहे। भगवान दास ने श्याम सुंदर का भारतीय होने का सारा सबूत पुलिस को उपलब्ध कराया। जिसे प्रतापगंज थानाध्यक्ष ने एसपी के माध्यम से पिछले साले भारतीय एम्बेसी को भेजा था। उसी आघार पर पाकिस्तान सरकार ने जेल में बंद श्यामसुंदर को 29 सितम्बर 2022 को रिहा कर दिया था। श्याम सुन्दर को इंडियन रेडक्रास सोसायटी ने अमृतसर स्थित गुरूनानक देव अस्पताल में पंजाब पुलिस की देखरेख में रखा। पंजाब पुलिस ने ही श्याम सुंदर के भारत आने और इलाज के लिए गुरूनानक देव अस्पताल में रखे जाने की सूचना सुपौल एसपी को दी। सूचना मिलते ही एसपी के आदेश पर श्याम सुन्दर को पंजाब से लाने के लिए सहायक अवर निरीक्षक मुन्ना कुमार और सिपाही चम्पू कुमार को अमृतसर भेजा गया। जहां से श्याम सुंदर को 24 अक्टूबर दीपावली के दिन प्रतापगंज लाया गया।
रिहा कराने में भतीजे ने निभाई अहम भूमिका: पाकिस्तान जेल में 17 साल तक बंद चाचा को रिहा कराने में भतीजा अमृत कुमार दास और उसके एक दोस्त संतोष कुमार ने अहम भूमिका निभाई है। अमृत कुमार रोजी रोटी के लिए 2020 दुबई गया था। वहीं 2021 में उसे पाकिस्तान एम्बेसी से अपने चाचा श्यामसुंदर के बारे में पूछने पर पता चला कि वह लाहौर के सेंट्रल जेल में बंद है। तभी से अमृत अपने चाचा को वापस भारत लाने के लिए अपने दोस्त संतोष के साथ प्रयास करना शुरू कर दिया। आखिरकार अमृत को सफलता मिली। चाचा श्याम सुंदर को घर लाने पर खुशी के साथ दीपावली भी मनाई गई।
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