नई दिल्ली। सिद्धार्थ शुक्ला का आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह सिर्फ 40 साल के थे। ऐसे में कूपर अस्पताल के डॉक्टर निरंजन ने सिद्धार्थ की जांच की थी और करीब 10 बजकर 30 मिनट पर उन्हें ‘डेथ बिफोर अराइवल’ घोषित किया थां वहीं दूसरी तरफ एक्टर के परिवार ने साफ कर दिया है कि सिद्धार्थ किसी भी तरह के मानसिक दबाव में नहीं थे। पुलिस इस पूरे मामले में किसी तरह के फाउल प्ले होने की बात से इंकार कर रही है। सामने आ रही जानकारी के अनुसार सिद्धार्थ का शव बीएमसी के कूपर अस्पताल में है और अस्पताल के अनुसार सिद्धार्थ की मौत हार्ट अटैक से हुई है।
जानकारी के अनुसार सिद्धार्थ रात में कुछ दवाएं खा कर सोए और सुबह जब उनकी मां ने दरवाजा खटखटाया, तो अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया और अस्पताल प्रशासन ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिवार का कहना है कि सिद्धार्थ किसी भी तरह के मेंटल प्रेशर में नहीं था। पुलिस के अनुसार इस पूरे मामले में कोई फाउल प्ले सामने नहीं आया है। सिद्धार्थ शुक्ला के मामले में बीएमसी हेल्थ विभाग की टीम कूपर अस्पताल पहुंची है और इस मामले में कूपर अस्पताल के डीन से पूरी जानकारी ले रही है। कूपर अस्पताल के डीन ने बताया कि जब सिद्धार्थ को अस्पताल लाया गया था तो उनकी पहले ही मौत हो गयी थी। आगे पुलिस को सूचना दी गई है कि वो बॉडी का पंचनामा करेंगे और उसके बाद आगे मेडिकल प्रोसेस के तहत पोस्ट मार्टम वगैरह किया जाएगा। कूपर अस्पताल के डॉक्टर शिवकुमार पोस्ट मोर्टम करने वाले हैं।
अस्पताल में एडमिट होने से पहले ही मौत हुई है इसीलिए पुलिस को सूचित किया गया है. डीसीपी के अनुसार सिद्धार्थ की मौत कैसे हुई है ये अभी कहना मुश्किल है, मेडीकल और पोस्ट मार्टम रिपोर्ट और सिद्धार्थ के साथ रहने वालों के बयान भी लिये जाएंगे, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
सिद्धार्थ शुक्ला टीवी शो बालिका वधु से सुपरहिट हुए थे. इसके अलावा वह कई सीरियल्स में नजर आए. सिद्धार्थ बिग बॉस 13 के विजेता रह चुके हैं. हाल ही में वह वेब शो ‘ब्रॉकन बट ब्यूटीफुल 3’ में नजर आए थे. सिद्धार्थ शुक्ला का जन्म 12 दिसंबर 1980 को हुआ था. उन्होंने इंटीरियर डिजाइनिंग में ग्रेजुएशन किया था. और बाद में आरबीआई में सिविल इंजीनियर नौकरी भी की थी. साल 2005 में उन्होंने ‘वर्ल्ड बेस्ट’ मॉडल कंपीटिशन में हिस्सा लिया था. ये कंपीटिशन तुर्की में हुआ था. वह पहले भारतीय और एसियन थे जिन्होंने ये टाइटल जीता था. इस कंपीटिशन में लेटिन अमेरिका और यूरोप से लोग आए थे।
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