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नई दिल्ली। गुरुवार को विद्युत मंत्रालय ने सरकारी कार्यालयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और औद्योगिक इकाइयों सहित अन्य में मौजूदा बिजली के मीटरों को पूर्व भुगतान सुविधा वाले स्मार्ट मीटरों से बदलने की समयसीमा जारी कर दी। विद्युत मंत्रालय ने कहा है कि ब्लॉक स्तर और उससे ऊपर के सभी सरकारी कार्यालयों, सभी औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को दिसंबर 2023 तक स्मार्ट मीटर के जरिये बिजली की आपूर्ति की जानी चाहिये।
मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, संचार नेटवर्क वाले क्षेत्रों में सभी उपभोक्ताओं (कृषि उपयोगकर्ताओं के अलावा) को पूर्व भुगतान या प्री-पेड मोड में काम करने वाले स्मार्ट मीटर के साथ बिजली की आपूर्ति की जाएगी। सभी केंद्र शासित क्षेत्रों, 2019-20 में 15 प्रतिशत से ज्यादा एटी एंड सी (कुल तकनीकी और वाणिज्यिक) नुकसान वाले शहरी क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से अधिक उपभोक्ताओं वाले विद्युत प्रभागों, वित्त वर्ष 2019-20 में 25 प्रतिशत से ज्यादा एटी एंड सी नुकसान वाले अन्य विद्युत प्रभागों, सभी प्रखंड और उससे ऊपर के स्तर के सरकारी कार्यालयों तथा सभी औद्योगिक एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को दिसंबर 2023 तक स्मार्ट मीटर से जोड़ा जाएगा।
सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, ‘अन्य सभी क्षेत्रों को मार्च 2025 तक पूर्व भुगतान मोड वाले स्मार्ट मीटरों से मीटरीकृत किया जाएगा। परंतु कि ऐसे क्षेत्रों में जहां संचार नेटवर्क उपलब्ध नहीं हैं, संबंधित राज्य विद्युत विनियामक आयोग के द्वारा, पूर्व भुगतान मीटरों के अधिष्ठापन की अनुमति दी जा सकेगी।
प्रीपेड मीटर का मतलब यहां समझें
सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि मार्च 2025 तक सभी क्षेत्रों में प्री-पेमेंट मोड के साथ स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे। दरअसल, स्मार्ट मीटर का मतलब है कि आपको बिजली का इस्तेमाल करने के लिए प्रीपेड मोबाइल की तरह पहले ही भुगतान करना होगा। कहा जा रहा है कि मीटर बदलाव के फैसले के चलते सरकार को बिजली चोरी पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी। देश के कई हिस्सों में प्रीपेड मीटर का इस्तेमाल होता है।
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