सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान करना दण्डनीय अपराध है

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर विधिक साक्षरता शिविर संपन्न

मथुरा। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर एक विधिक साक्षरता शिविर पं0 हुकुम सिंह एजूकेशन काॅलेज, राया बल्देव रोड़ कारब मथुरा में आयोजन किया गया, जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शैलेन्द्र वर्मा की अध्यक्षता में तम्बाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों के बारे में बचाव के उपाये बताये।
उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान 200 मीटर के दायरे में न तो किया जायेगा और न ही धूम्रपान से संबंधित किसी वस्तु का विक्रय किया जायेगा। अगर कोई ऐसा करता है तो धारा 4 के अन्तर्गत उस पर 200/- का जुर्माना होगा। धारा 3 में नाबालिकों को नशे का सामान बेचना प्रतिबंधित है तथा धारा 7 में उत्पादन पर वैधानिक चेतावनी है। उन्होंने बताया कि 15 मई 1987 को डब्लूएचओ के सदस्यों द्वारा विश्व तम्बाकू दिवस सृजित किया गया, उसके बाद 17 मई 1989 को दूसरे प्रस्ताव के अनुसार उसे बदला गया और 31 मई किया गया, तभी से 31 मई को सम्पूर्ण विश्व में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर मध्यस्थल केन्द्र की सदस्य प्रतिभा शर्मा द्वारा बताया गया कि तम्बाकू व धूम्रपान एक ऐसा अभ्यास है, जिसमें तम्बाकू को जलाया जाता है, उसका धूंआ या तो चखा जाता है या सांस से भीतर खींचा जाता है। इसका चलन लगभग तीन हजार ईसवीं पूर्व के प्रारम्भिक में हुआ। इसको 2003 में कानून बनाकर प्रतिबंधित किया और 2004 में अभिसूचित किया गया तथा 02 अक्टूबर 2008 को गाईडलाइन बनाकर सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को पूर्णतः निषेधित किया गया।
इस अवसर पर पूर्व अपर पुलिस अधीक्षक ठाकुर दास गौतम, एजूकेशन काॅलेज के चेयरमेन पं0 हुकुम सिंह, आरएस गौतम ने भी अपने विचार व्यक्त किये। छात्र विशाल दुबे द्वारा नशे पर कविता प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में साहब सिंह, देवकी नन्दन शर्मा, पीयूष कुमार पुरोहित, गजेन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।

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