यूनिक समय, मथुरा। आत्मविश्वास के साथ लक्ष्य बनाकर यदि किसी भी कार्य क्षेत्र में पूर्ण लगन, निष्ठा और कड़ी मेहनत से प्रयास किया जाये तो सफलता का परचम लहराना नामुमकिन नहीं है।
नारी सशक्तिकरण का ऐसा ही उदाहरण प्रस्तुत करने वाली आत्मनिर्भर भारत के मध्यम वर्गीय परिवार की एक सशक्त बेटी के सफलता की कहानी आपको बताने जा रहे हैं, जिसने संसाधनों की कमी के बावजूद भी पूरी लगन, निष्ठा और कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की और प्रशासनिक सेवाओं में अपना स्थान बनाया। आइए जानते हैं मथुरा जिला कारागार में तैनात डिप्टी जेलर करूणेश कुमारी के सफलता की कहानी।
कैसा रहा मथुरा में तैनात डिप्टी जेलर करूणेश कुमारी का जीवन में संघर्ष – Mathura News
करुणेश कुमारी का जन्म कन्नौज सिटी में हुआ था। मां एक गृहणी और पिता निहाल सिंह थे। वह हैड कांस्टेबल से हेडमोहर्रिर और फिर सब इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नत हुए। बचपन से ही गेम्स, बॉस्केट बॉल, वॉलीबॉल व संगीत में विशेष रुचि व कुशाग्र बुद्धि रखने वाली करुणेश कुमारी की शिक्षा का सफर वाराणसी से शुरू हुआ। शिक्षा जारी रखते हुए करूणेश कुमारी ने फिरोजाबाद से इण्टर, अम्बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा से बीएससी व एमए पास किया।
करुणेश कुमारी के केरियर का सफर अभी शुरू होने ही वाला था कि अचानक एक हादसे में उनको सर्वाइकल इंजरी व पैरालिसिस का भी सामना करना पड़ा। माता- पिता के अथक प्रयासों से 6 माह में जब स्वास्थ्य लाभ मिलना शुरू हुआ तो प्रशासनिक अधिकारी बनने की चाहत को पूरा करने के लिए उन्होंने एक बार फिर से तैयारी शुरू कर दी एनईटी/जेआरएफ की परीक्षा अच्छे अंको से उत्तीर्ण करने के बाद जयपुर सोशलॉजी में पीएचडी और लोकसेवा आयोग उत्तर प्रदेश से पीसीएस की परीक्षा में भी सफलता का परचम लहराया।
सहकारिता एवं पंचायती राज में लेखापरीक्षक के रूप में प्रथम प्रयास में ही सफलता हासिल की। वर्ष 2014 में पुन: डिप्टी जेलर के रूप में पीसीएस से चयनित होकर पहली पोस्टिंग केन्द्रीय कारागार आगरा में हुई।
डिप्टी जेलर करूणेश कुमारी ने सुधारी कई कैदियों की जिंदगी – Mathura News
उन्होंने डिप्टी जेलर के रुप में कई सामाजिक संगठनों के माध्यम से जिला कारागार में आध्यात्मिक, गीत-संगीत, भजन संध्या, कवि सम्मेलन, वृक्षारोपणादि कार्यक्रम कराए। इसके चलते, बंदियों का झुकाव आध्यात्म व सामाजिक गतिविधियों की तरफ बढ़ता हुआ प्रतीत हुआ।
फिरोजाबाद में हुई तैनाती के दौरान उन्होंने जिला कारागार के महिला बैरक में निरूद्ध महिला बंदियों के उत्थान व उनके बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयास करते हुए शिक्षा व खेल कूद की तरफ विशेष ध्यान दिया।
करूणेश कुमारी की मेहनत व लगन को देखते हुए उन्हें इग्नू परीक्षा में परीक्षा सहायक कोर्डिनेटर व एनआईओएस के कोर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गई। शिक्षा व साक्षरता की दिशा में किए गए विशेष प्रयासों के चलते ज्यादातर कैदियों ने कक्षा पांच, आठ, हाईस्कूल, इण्टर से लेकर डिप्लोमा बीए और एमए जैसे पाठ्यक्रमों को अच्छे अंको व श्रेणी से उत्तीर्ण किया।
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जिला कारागार फिरोजाबाद में जेल अधीक्षक अकरम खान के निर्देशन में डिप्टी जेलर करूणेश कुमारी ने कई ऐसे कार्य किया, जिससे हर कोई तारीफ किए बिना रहा। करूणेश कुमारी की पोस्टिंग एक बार जिला कारागार आगरा में हुई तो स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से महिला बंदियों को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने की दिशा में प्रयास किया। अब वह मथुरा जिला कारागार में तैनात है। यहां भी बंदियों को सुधारने के लिए कई कार्यक्रम कर रही हैं।
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