उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्या के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ गयी है दोनो के बीच सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है।अगर हाल के घटनाक्रम पर नजर डाले तो यूपी सरकार के इन दोनों शीर्ष नेताओं के बीच सब कुछ ठीक ठाक नहीं है।
ये दोनो शीर्ष नेतृत्व एक दूसरे के खिलाफ आस्तीन चढ़ाये नजर आ रहा है। वैसे इन दोनो के बीच मनमुटाव की खबरे इनके सत्ता संभालतें ही सामने आने लगे थे।
लेकिन मामला अब ज्यादा गंभीर हो गया है।दोनो नेता एक दूसरे के विभाग में गल्तिया निकाल कर खुद को बीस साबित करने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे है।
आपको हम बता दें कि 2019 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने केशव प्रसाद मौर्या के पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा पिछले 2 साल में जारी किये गये टेंडर और विकास कार्य की जाँच के आदेश दे दिये।
ये ठेके करीब 2 हजार करोड़ रुपये की है। और सीएम योगी को संदेह है कि पीडब्ल्यूडी विभाग और निर्माण विभाग में जम कर धाँधली हुई है। लेकिन मीडिया में और लोगो में ये संदेश गया कि योगी इसके जरिए केशव प्रसाद मौर्या को घेरने के चक्कर में थे और उन पर नकेल कसना चाह रहे है।
केशव मौर्या का योगी के अफसरो पर आरोप-
योगी आदित्यनाथ के इस फैसले के बाद केशव मौर्या कहां पिछड़ने वाले थे नाराज केशव मौर्या ने मुख्यमंत्री के अंदर वाले विभाग एलडीए में व्याप्त भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी पर एक चिट्ठी लिख डाली।
और मजे की बात ये थी कि केशव मौर्या द्वारा लिखी वो चिट्ठी मीडिया में लीक हो गई । सब लोग इसे योगी को केशव मौर्या का जवाब मान रहे थे।
उसी में एक बार सीएम योगी ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की क्लास भी लगायी थी। तो जवाब में केशव मौर्या का चिट्ठी बम भी फूटा था।
इन्ही सब चीजों से ये समझना मुश्किल नही होता कि दोनो नेताओ में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
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