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नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने ट्विटर पर देश विरोधी और भड़काऊ मैसेज भेजे जाने को लेकर ट्विटर इंडिया और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि ट्विटर पर इस तरह के मैसेज आने के बाद उनकी तरफ से क्या किया जा सकता है।
बीजेपी नेता विनीत गोयनका ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि ट्विटर पर भड़काऊ और देश विरोधी मैसेज पोस्ट किए जाते हैं। ट्विटर पर विज्ञापन भी दिया जाता है और इसके जरिए हेट मैसेज फैलाए जाते हैं। इसको रोकने के लिए फिलहाल कोई दिशा-निर्देश नहीं है, इसलिए अदालत सरकार को तुरंत इस संबंध में दिशा-निर्देश बनाने का आदेश दे, जिससे इस तरह के मैसेज को रोका जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्विटर इंडिया और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि इससे पहले ट्विटर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में भारत सरकार ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव के साथ ट्विटर के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई थी, जिसमें सरकार की ओर से ये साफ कर दिया गया था कि ट्विटर को भारत में यहां के नियम कानून का पालन करना ही होगा।
बैठक में मंत्रालय के सचिव ने कहा कि भारत में हम आजादी और आलोचना का सम्मान करते हैं। ये लोकतंत्र का हिस्सा हैं। बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देश के संविधान में मिला है। लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता absolute नहीं होती। सुप्रीम कोर्ट ने भी समय-समय पर इस संबंध में अनेक फैसले दिए है।
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