UPPSC PCS परीक्षाओं में भी सुशांत केस की चर्चा, पूछा- आत्महत्या रोकने में कर्मयोग कैसे सहायक

परीक्षाओं में भी सुशांत केस
परीक्षाओं में भी सुशांत केस

सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण के बाद अवसादग्रस्त होकर आत्महत्या करने के मामले की चर्चा हर तरफ हो रही है। अब पीसीएस-2019 की मुख्य परीक्षा के तीसरे दिन सामान्य अध्ययन के चतुर्थ प्रश्न पत्र एक सवाल इसी पर आधारित रहा। सवाल पूछा गया कि अवसाद और आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकने में गीता निष्काम कर्मयोग किस प्रकार सहायक हो सकता है ? मेंस के अभ्यर्थियों को जवाब में इसकी विवेचना करनी थी। गुरुवार को मुख्य परीक्षा के तीसरे दिन पहली पाली में सामान्य अध्ययन का तृतीय प्रश्न पत्र हुआ। जिसमें अर्थशास्त्र, विज्ञान तकनीक, राष्ट्रीय सुरक्षा, हरित क्रांति से सम्बंधित प्रश्न आए। अभ्यर्थियों ने बताया कि पेपर हल करने में ज्यादा दिमाग और समय लगाना पड़ा।

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अभ्यर्थियों ने कहा कि हम कह सकते हैं कि यह पेपर यूपीएससी के पैटर्न पर तैयार किया गया था। इसके साथ ही पहली पाली में खाद्य सुरक्षा, क्लाउड कम्प्यूटिंग, उत्तर प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारी, नई औद्योगिक नीति में नया क्या, भारत में ऊर्जा संकट, जैव विविधता, डिजीटल अधिकार, आंतरिक सुरक्षा व अन्य विषयों पर सवाल केंद्रित रहे। मुख्य परीक्षा प्रयागराज, लखनऊ और गाजियाबाद के 15 केन्द्रों पर हो रही है। जिसमें 6119 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। गुरुवार को 4732 (77.33 प्रतिशत) अभ्यर्थी उपस्थित रहे।

ईमानदार सिविल सेवक के उत्तरदायित्व पूछे
पीसीएस-2019 मुख्य परीक्षा में दूसरी पाली में सामान्य अध्ययन के चतुर्थ पेपर में नीति शास्त्र से जुड़े प्रश्न पूछे गये। जिसमें अभ्यर्थियों को सिविल सेवक के उत्तरदायित्व के साथ ही एक सिविल सेवक के लिए क्या आचार संहिता होती है। ये भी बताना था। इसके साथ ही एक लोक सेवक की जिम्मेदारी भी अभ्यर्थियों को बतानी थी। साथ ही प्रश्न पत्र में लोकहित में सूचना का अधिकार, सार्वभौम धर्म क्या है, असहयोग आन्दोलन पर दार्शनिक विचार,नैतिक मूल्यों के सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया, नीति शास्त्र की मानव जीवन में भूमिका जैसे सवालों के साथ ही 20 सवालों के जवाब देने थे। पेपर देकर बाहर निकले अभ्यर्थियों ने पेपर को संतुलित बताया।

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