राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बारहवीं का तीसरे विषय का परिणाम भी जारी कर दिया हैं। आज कला विषय का परिणाम जारी किया गया है जिसमें छह लाख पचास हजार से भी ज्यादा छात्रों ने परीक्षाा दी है। इससे पहले साइंस और कॉमर्स का परिणाम भी जारी कर दिया गया था, इनमें करीब ढाई लाख बच्चों के परिणाम जारी हुए थे। क्या आपको पता है कि ये परिणाम कितने दिन में तैयार होते हैं….. और बोर्ड इन परिणामों को जारी करने एवं शिक्षकों को कॉपी चैक करने के कितने रुपए देता है…? आईए हम आपको बताते हैं कि बोर्ड की परीक्षाएं कराने में सरकार कितना कमाती है और उनमें से कितना खर्च कॉपी चैक करने में जाता है…..
कोरोना काल को छोड़ दिया जाए तो राजस्थान बोर्ड इसके अलावा हर साल करोड़ों रुपए कमाता है। सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई तो हर साल होती ही है। पिछले साल की ही बात करें तो दसवीं और बारहवीं के करीब बीस लाख से भी ज्यादा छात्रों ने परीक्षाओं के लिए आवेदन किया था। इसके चलते बोर्ड ने करीब एक सौ तीस करोड रुपए कमाए थे। हर बच्चे से औसतन छह सौ रुपए शुल्क लिया गया था। इस साल यह कमाई और ज्यादा बताई गई है।
अब बात करते हैं कि गुरुजी को कॉपी जांचने के लिए कितने रुपए मिलते हैं। बोर्ड की एक कॉपी जांचने के लिए गुरुजी को करीब पंद्रह रुपए मिलते हैं। दसवी और बारहवीं की कॉपी के सामान रपए ही दिए जाते हैं। एक शिक्षक करीब पांच विषय की कॉपी जांचते हैं। ऐसे में करीब 75 रुपए उन्हें दिए जाते हैं। 12वीं बोर्ड परीक्षा में इस साल साढ़े आठ लाख से ज्यादा बच्चे बैठे हैं। इनकी कॉपी जांचने के लिए गुरुजी को करीब छह करोड़ रुपए का मानदेय दिया जाना है। शिक्षक संघ का कहना है कि कई सालों से यही मानदेय दिया जा रहा है। इसे बढ़ाने की जरुरत हैं।
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